मासूमों की जान से खिलवाड़ कर रहे है स्कूल संचालक

January 13, 2016 11:40 AM0 commentsViews: 369
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हमीद खान

आटो में ठूंस कर ऐसे ले जाये जाते हैं स्कूली बच्चे

आटो में ठूंस कर ऐसे ले जाये जाते हैं स्कूली बच्चे

इटवा, सिद्धार्थनगर। तहसील क्षेत्र में मासूमों की जान से जमकर खिलवाड़ किया जा रहा है। न केवल खटारा वाहन से स्कूलों तक बच्चों को ले जाया जा रहा है बल्कि मानक के विपरीत इनमें बच्चों को बैठाया जा रहा है। मौत का दूत बने ऐसे खटारा स्कूली वाहनों पर न तो परिवहन विभाग और न ही पुलिस प्रशासन की भी नजर पड़ रही है।

सुप्रीम कोर्ट के तय मानकों के विपरीत इटवा तहसील में स्कूल संचालकों के माध्यम से कई दर्जन बस और टैपों के साथ ही मारुति वैन स्कूली बच्चों को ढोने का काम रहे हैं। इसमें कई स्कूल व कॅालेज की भी बसें भी शामिल हैं।

स्कूली वाहनों के रूप में चलने वाली गाडियों में करीब 70 फीसदी वाहन सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय मानकों पर खरे नहीं उतर रहे हैं। किसी का संभागीय परिवहन दफ्तर में पंजीकरण नहीं, तो किसी ने फिटनेस नहीं कराया है।

आम टैपों ही स्कूली बच्चों को लाने ले जाने का काम कर रहे हैं। जिनमें ठूंस कर भरे गये बच्चों के बैग बाहर की तरफ लटकते रहते हैं। जो दुर्घटना का कारक हमेशा बने रहते हैं। एक एक वैन में 20 से भी अधिक बच्चों को बैठाया जा रहा है। जिससे बच्चे बैठने के बाद हिल भी नहीं पाते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने बस, वैन और टैम्पों के लिए बच्चों की संख्या तय कर रखी है। लेकिन इन तय मानकों का कोई भी स्कूली वाहन चालक पालन नहीं कर रहा है।

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