मुख्यमंत्री जी चेतावनी के स्वर में दहाड़ते रहे और नदियों के तटबंध कांपते रहे

August 18, 2017 8:11 PM0 commentsViews: 1127
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नज़ीर मलिक

शहर में भाषण देते सीएम योगी व सदर विधायक श्यामानन्द राही

सिद्धार्थनगर। यूपी के मुख्यमंत्री रोगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को सिद्दार्थनगर पहुँच कर बाढ़ और उससे पीड़ित जनों के बारे में जानकारी ली।अपने सवा घंटे के संक्षिपत दौरे में सीएम ने अफसरों के समक्ष चेतावनी भरी दहाड़ लगाईं। ये वही वक़्त था जब ज़िले में तटबंध टूट रहे थे और लोगों के कलेजे काँप रहे थे।

लगभग 10 बजे सुबह उसका-लखनापार तटबंध में ग्राम खजूरडांड के पास रिसाव हो गया गाँव महिलाये बच्चों समेत भागने लगी। सारे मर्द तटबंध को बचाने में लग गए। अंततः 12 बजे तक 1 फुट व्यास का होल किसी तरह बंद किया गया। इस दौरान कोई भी सरकारी अफसर मौके पर नहीं पहुंचा।

ग्रामीण सुमित कुमार और जगदीश के मुताबिक रैट होल तो भर दिया गया है, मगर वहां पर तटबंध धंस गया है।कभी भी पानी ओवर फ्लो हो सकता है। लेकिन अफसरों को इसकी कोई चिंता नहीं है। आज सीमा ने लापरवाही करने वालो को क्षमा नहीं करने की बात कही है, इसके बाद भी सिंचाई विभाग को अपनी जिम्मेदारियों का एहसास नहीं है।

दूसरी तरफ सीएम् का उड़नखटोला ज़िल मुख्यालय जिस समय उतरा, उस समय अशोगवा- मद्रहवा बाँध सतवाढी गाँव के पास टूट चुका था। लोग मदद के लिए चीख रहे थे। अफसरों को इसकी खबर भी दी गयी। मगर मौके पर कोई बड़ा अफसर नहीं पहुंच। सारे अफसर मुख्यमंत्री की अगुवानी में व्यस्त रहे। मुख्यमंत्री जी तो योगी हैं। उन्हें पता है कि जनता की सेवा योगी का धर्म है। मगर ये बात वे अपने अफसरों को समझने में विफल दिखे।

बता दे की वर्ष 98 के बाद यह् अब तक की सबसे बड़ी बाढ़ है। बाढ़ और बरसात से 8 जानें जा चुकी हैं। 50 हज़ार हेक्टेयर फसल बर्बाद हो चुकी है। सैलाब से 7 सौ गाँव और एक डेढ़ लाख आबादी प्रभावित है, जबकि प्रशासन बाहर से एक भी नाव का इंतज़ाम नहीं करसक है। ग्रामीण इलाकों में बाढ़ के वक़्त नावें बचाव का बड़ा साधन होती हैं। प्रशासन यह नहीं संमझ पा रहा है।
प्रशासन की इस लापरवाही पर सपा नेता अफसर रिज़वी कहते हैं कि सीएम की गर्जना निरर्थक है, जब तक की अफसर ज़िम्मेदारी न समझें। वरना सीएम् साहब दहाड़ते रहेंगे और जनता कांपती रहेगी। मुख्यमंत्री जी को इस पर ध्यान देना चाहिए।

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