अखिलेश जी, जिला कमेटी है या सपा के ताबूत पर कफन डालने वालों का गिरोह? क्यों मिटा रहे पार्टी

June 17, 2018 3:49 PM0 commentsViews: 1604
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नजीर मलिक

पूर्वी यूपी के सिद्धार्थनगर जिले की समाजवादी पार्टी की नई जिला कमेंटी का एलान हो गया है। नई कमेंटी में एक से एक गैर जनाधार वाले नेता हैं। इनमें अध्यक्ष समेत तमाम ऐसे लोग हैं, जो अपने बूथ नहीं जिता पा रहे। एक दो ऐसे हैं जो कभी समाजवादी पार्टी में रहे ही नहीं। कमेटी में महिलाओं की भागीदारी नहीं है। इसे लेकर पार्टी के अंदरखाने में गदर मची है, जो शीघ्र ही विस्फोट का रूप धारण कर सकती है। इस कमेंटी के अधिकाश लोग सपा को मजबूत तो नहीं कर सकते- हां, सपा की ताबूत उठाने में योगदान जरूर कर सकते हैं। अखिलेश जी कौन गुमराह कर रहा है आपको।

पांचवीं बार बने अध्यक्ष, लेकिन हार जाते हैं अपना बूथ

नई कमेटी में अजय उर्फ झिनकू चौधरी को पांचवी बार पार्टी का जिलाध्यक्ष बनाया गया है। पिछले 11-12 सालों से वे निरंतर अध्यक्ष मनोनीत किये जाते रहे हैं।

अजय चौधरी पिछले 11 साल से अध्यक्ष रहने के बावजूद अपनी बिरादरी यानी कुर्मी समाज का एक भी वोट सपा से जोड़ने में विफल हैं। यहां तक कि वे अपने गांव का बूथ भी हार जाते हैं जबकि उस पर कुर्मियों की तादाद भी है और प्रभाव भी।

अध्यक्ष अजय चौधरी न तो वक्ता हैं और न ही अच्छे समन्यवक हैं। उनमें संघर्ष करने का माद्दा नहीं है। कभी जनता से उनका कोई सरोकार नहीं रहता। बस पार्टी की मीटिंग की मूल रूप से अध्यक्षता करना तथा पार्टी के एक नेता के कहने पर लखनऊ को रिपोर्ट करना उनकी विशेषता है।

सपा के कई नेता आफ द रिकार्ड कहते हैं कि आखिर एक नेता के इशारे पर चलने के अलावा अजय चौधरी की कौन सी सियासी विशेषता है कि उनको निरंतर पांच बार से अध्यक्ष बनाया जाता रहा है।  आखिर अखिलेश यादव चाहते क्या हैं?

सपा के नेता कहते हैं कि भाजपा सरकार में जिले के कई सपाई ब्लाक प्रमुख अविश्वास प्रस्ताव पर खतरे मोल ले कर भाजपा का मुकाबला किये लेकिन अजय चौधरी पार्टी के जिला अध्यक्ष रहते भी अपनी अनुज बहू और ब्लाक प्रमुख राना चौधरी से तत्काल त्यागपत्र दिलवा दिया। सपाई पूछते हैं कि ऐसा आदमी पार्टी के लिए कैसे लड़ सकेगा?

अपना बूथ हार जाते हैं नकली सपाई

नई कमेटी में भी अध्यक्ष के बाद कई पदों पर ऐसे लोग पदाधिकारी बने हैं जो गत विधानसभा चुनाव में अपना बूथ हार चुके हैं और निकाय चुनावों में भाजपा प्रत्याशी के खुल कर समर्थक रहे हैं। कार्यकारिणी सदस्य में विधानसभा क्षेत्र कपिलवस्तु से ऐसे लोगों को जगह दी गई, जो आज तक सपा का सदस्य तक नहीं रहा। अतीत में वह कांग्रेस और बसपा के लिए काम करता रहा है।

इस कमेटी में महिलाओं की जम कर उपेक्षा की गई है। सर्वाधिक जुझारू और जानाधार वाली महिला नेता व महिला आयोग की सदस्य जुबेदा चौधरी को मिला कमेंटी का सदस्य बना गया है। महिला आयोग  की एक अन्य सदस्य इन्द्रासना त्रिपाठी को भी सदस्य बनाया गया है। सदस्यों में भी कई चेहरे ऐसे हैं जो सदैव सपा के विरोधी रहे। जुबैदा चौधरी कहती हैं कि यह कमेटी नूरी तरह ो महिला विरोधी है।

सपा कार्यकर्ता क्या कहते हैं

सपा के वर्करों का कहना है कि सपा का मुख्य जनाधार मुस्लिम और यादव समाज है। इन दोनों समाजों में सपा के लालजी यादव, बेचई यादव, अफसर रिज्वी, चेयरमैन निसार बागी, पूर्व चेयर मैन इ्रदीस पटवारी जैसे जनाधार वाले नेता भी हैं, तो मात्र एक नेता के दबाव में ऐसे आदमी को अध्यक्ष के लिए मनोनीत क्यों किया गया, जो कर्मी सामाज का होते हुए भी अपने गांव के कुर्मी बाहुल्य बूथ पर भी हार जाता हो।

आंखें खोलिए अखिलेश, वरना सपा विलुप्त हो जाएगी

समाजवादी पार्टी के लोग अंदर खाने में चर्चा करते हैं कि अखिलेश एक नेता के इशारे पर जिले से सपा को खत्म करने पर आमादा हैं। जिले में 20.88 फीसदी मुस्लिम और 10 फीसदी यादव मतदाता हैं। फिर भी 11 साल से एकजिनाधार विहीन नेता को अध्यक्ष बनाने का क्या औचित्य जसे अपने समाज का एक बोट न दिला सके।

अखिलेश जी, इस जिले से आन सपा की मुस्लिम लीडरशिप तो पिछले ही चुनाव में समाप्त कर चुके हैं, अब यादव लीडरशिप को भी खत्म न करिए, भाजपा से सामाजिक इंजीनियरिंग की राजनीति सीखिए, वरना सिद्धार्थनगर में सपा को विलुप्त डायनासोर बनने से रोक नहीं पायेंगे। मुलायम सिंह से सबक लीजिए।

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