किसकी शह पर चल रहे हैं इटवा में बिना मान्यता वाले स्कूल?
हमीद खान
इटवा, सिद्धार्थनगर। शासन, एक तरफ बिना मान्यता प्राप्त विद्यालयों के प्रति सख्ती से निपटने के लिए शिक्षा विभाग को कड़ा निर्देश दे रखा है, वावजूद इसके इटवा तहसील क्षेत्र में मानक विहीन व बिना मान्यता वाले स्कूल संचालकों में कोई खौफ नहीं है।
विभाग के जिम्मेदारों के लचर कार्य प्रणाली व खाऊ कमाऊ नीति के चलते इन बिना मान्यता वाले स्कूल संचालकों के हौसले बुलंद हैं। हैरानी की बात यह है कि अधिकांश बिना मान्यता वाले स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों का वास्तविक नामांकन किसी अन्य विद्यालयों में होता है। साथ ही कुछ मान्यता प्राप्त विद्यालयों के संरक्षण में कई विद्यालय संचालित हैं। इस बात की जानकारी उन्हें तब हो पाती है, जब उन्हें परीक्षा हेतु अन्य विद्यालय से जारी प्रवेश पत्र मिलता है।
तहसील मुख्यालय इटवा से लेकर करहिया ,महादेव ,संग्रामपुर ,सेमरी , पकरैला ,कठेला ,बढ़या ,पहाड़ापुर ,मिठौआ ,मस्जिदिया बिस्कोहर कआदि चौराहों पर बिना मान्यता वाले विद्यालयों की भरमार है। इसी क्रम में इटवा कस्बे में कई ऐसे विद्यालय हैं, जिसकीे मान्यता आठवीं व हाई स्कूल है लेकिन विभाग के जिम्मेदारों के मदद से मोटी रकम लेकर इंटर तक क्लास चला रहे हैं।
विभाग के लिए एक अहम सवाल यह है कि आखिर बिना मान्यता वाले स्कूलों के संचालन पर कब लगेगा अंकुश। इस बारे में खंड शिक्षा अधिकारी इटवा राजेश कुमार का कहना है की जो स्कूल बिना मान्यता प्राप्त हैं, उन पर आये दिन छापामारी की जा रही है। पकडे जाने पर कार्रवाई भी की जा रही है।