बस का जलना महज संयोग अथवा सियासी रंग दे कर माहौल बिगाड़ने पर तुले हैं कुछ सफेदपोश

August 5, 2020 1:22 PM0 commentsViews: 939
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— कुछ वर्षों से सियासी अड्डा बनता नजर आरहा है अल्फारूक इंटर कॉलेज

आरिफ मकसूद

इटवा, सिद्धार्थनगर। सीसीटीवी से लैस अल फारूक इंटर कालेज इटवा की 5 बसों को किसी अराजक तत्व ने जला दी । इन बसों को किसने और क्यों जलाया, इसकी जानकारी न तो विद्यालय के और न ही प्रशासन के पास है । आखिर गार्ड की निगरानी में चारों तरफ से 10  फिट की बाउंड्री वाल होने के बावजूद परिसर में कैसे कोई आया और 5 बसों को आराम से आग लगा कर चला गया । उस पर हैरत है कि इसकी खबर विद्यालय के जिम्मेदारों को 15 घंटे बाद लगी । दरअसल इस पूरे मामले में कई सवाल हैं, जिसका जवाब न तो विद्यालय प्रबंधन के पास है न ही घटना की जंच कर रही पुलिस टीम और प्रशासन के पास है।

विद्यालय प्रशासन खुद सवालों के घेरे में

परिसर में खड़ी दो दर्जन से अधिक बसों में पांच बसें जल जाती है । जिसकी भनक न तो गार्ड को और न ही आसपास के लोगों लगती है । गार्ड समेत कई लोग विद्यालय परिसर में रहते है । मेन रोड से सटे कालेज की जल रही बसों की गंध तक किसी तक नहीं पहुंच पाती, सही नही रात के अंधेरे में आग की लपटें और चिंगारियों को भी कोई नहीं देख पाता, यह हैरानी की बात है। विद्यालय प्रबंधन के पास भी इस सवाल का कोई तार्किक जवाब नहीं है।

बसों का जलाना कहीं निम्नलिखित कारण तो नहीं ?

दो दर्जन से अधिक बसें कालेज के पास है ।  कन्डक्टर एंव ड्राईवर समेत 5 दर्जन से अधिक स्टाफ हैं ।  बसों की देख रेख एंव स्टाफ को सैलरी देने की पूरी जिम्मेदारी हाजी मुबारक को है । बसों से सम्बंधित सभी देख रेख यही करते हैं ।  क्या इस बीच लाकडाउन  में  सैलरी को लेकर कोई मामला तो नहीं चल रहा है ।  या इस बीच स्टाफ की छटनी तो नहीं हुई है । विद्यालय में जिस जगह बस जली है उस के ठीक उपर से हाईवोल्टेज तार गया हुवा है इन तारों के आपस में टच होने से निकली  चिंगारी भी बस के जलने का कारण हो सकता है । यह सब जाँच का विषय है । लेकि जांच एजेंसी इन मुद्दों पर गौर क्यों नहीं कर रही? यह भी बड़ा सवाल है।

राज्यसभा सांसद संजय सिंह भी पहुंचे अलफारूक स्कूल

अलफारूक इंटर कॉलेज में जली बस की घटना को सुन कर  आम आदमी पार्टी नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने पहुंच कर मामले की जानकारी ली। इस घटना पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश गुंडाराज प्रदेश बन गया है । अराजकता का यह आलम है कि स्कूली बसों को जलाया जा रहा है। कहां दिल्ली के संजय सिंह और कहां पहाड़ की तलहटी में बसा इटवा, ऐसे में यह सवाल भी उठता है कि आखिर किसकी दिलचस्पी के चलते संजय सिंह यहां आये, जबकि नेशनल मीडिया में इस घटना को कोई जगह नहीं मिली थी।

 राजनिति का अड्डा बनता जा रहा है यह तालीमी ईदारा

अल्फारूक स्कूल की बस किसी अराजकतत्व ने जला दी  । आस पास खड़ी अन्य तीन बसों को मामूली नुकसान हुआ ।   इस घटना को लेकर सियासी नेता पहुंच कर मामले को साजिश बता कर अपनी सियासी रोटियां सेंक रहे हैं । जबकि इस घटना में कोई साजिश नजर नही आरही है । यह संशेगवश हुई एक दुर्घबटना थी, यह जांच के बाद ही पता चलेगा। मगर ऊपर से देखने पर यह साफ है कि कई वर्षों यह अलफारूक की संस्था पर्दे के पीछे से सियासी मैदान में अपनी भूमिका निभा रही है । यह घटना उसका प्रतिफल भी हो सकती है।

विद्यालय प्रबंधक ने कहा

इस बारे में इंटर कालेज के प्रबंधक मौलाना शब्बीर साहब का कहना है कि बस साजिश के तहत जलाई गई है, मगर किसने जलाया यह जांच का विषय है। लॉकडाउन के कारण विद्यालय बंद है । इस बीच अंदर आवाजाही कम है। इसी कारण घटना की जानकारी विद्यालय को देर से हुई। हमारे विद्यालय के अंदर कोई ऐसी विवाद नही चल रहा है । यहां बच्चो को शिक्षा दी जाती है यह एक प्रतिष्ठित शिक्षण संस्था है। इसी कारण कई नेता विद्यालय के हमदर्दी में  इस घटना की जानकारी लेने के लिए आये

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