ANALYSIS: टिकट बेचने वाली पीस पार्टी की बोलती बंद, ओवैसी का भाव बढ़ा

August 17, 2015 12:18 PM16 commentsViews: 7818
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नज़ीर मलिक

asad

“यूपी की पांचवी सबसे बड़ी पीस पार्टी के वोटबैंक में सेंधमारी हो गई है। यह सेंध सांसद असदुद्दीन ओवैसी की अगुवाई में उनकी पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने लगाई है। 2012 के विधानसभा चुनावों में टिकट बेचने के आरोपों से पस्त पीस पार्टी के लिए ओवैसी की पार्टी एक नया संकट लेकर आई है।”

पीपा का गढ़ कहे जाने वाले मुस्लिम बाहुल्य ज़िला सिद्धार्थनगर में भी पार्टी की हालत पतली नज़र आ रही है। 2012 विधान सभा चुनाव के बाद से ही इसके सारे कदृदावर नेता एक-एक कर पार्टी छोड चुके हैं। अभी तक पीस पार्टी उनकी खाली जगहों को भर पाने में नाकाम है। फिलहाल पार्टी के पास एक भी जनाधार वाला नेता नहीं बचा है। ऐसे में ओवैसी की पार्टी एक नई मुसीबत की तरह आ खड़ी हुई है।

विधान सभा चुनाव के दौरान दो बड़े नेता पूर्व विधायक अनिल सिंह और अतहर अलीम पीस पार्टी को गुड बाय कह गए। इसी तरह चुनाव जीतने के फौरन बाद डुमरियागंज के विधायक कमाल यूसुफ मलिक ने पीपा का दामन छोड दिया। शोहरतगढ विधान सभा क्षत्र में मजबूती से लड कर हारने वाले राजा योगेन्द्र प्रताप भी पार्टी से किनारा कर गए। फिलहाल सिद्धार्थनगर ज़िले में सिर्फ एक नेता ज़हीर आलम ही बचे हैं।

2008 में बनी पीस पार्टी पूर्वी उत्तर प्रदेश में अपनी जनसभाओं की वजह से अचानक सुर्खियों में आ गई थी। हाल यह है कि अपनी जनसभाओं में हज़ारों की भीड इकट्ठा करने वाली पीपा की बैठकों में अब दर्जन भर सदस्य भी नहीं दिखते। चुनाव के बाद से आज तक जिले में पार्टी मुखिया डॉक्टर अयूब समेत कोई बड़ा नेता ज़िले में नहीं आया है।

पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर मन्नान मलिक इसी ज़िले के होने के बावजूद यहां से कटे हुए हैं। लिहाज़ा, पार्टी के हताश वर्कर अब असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम की तरफ तेज़ी से भाग रहे हैं। पीस पार्टी छोड़कर मजलिस से जुड़ने वाले सलमान मलिक पार्टी के ज़िला कोऑर्डिनेटर हैं।

एक ज़माना था कि जब पूर्वी उत्तर प्रदेश में पीस पार्टी के मुस्लिम जनाधार को देख सेक्यूलर दलों के नेता खौफ खाते थे लेकिन आज उसी पार्टी के कार्यकर्ता और उनके नेता पार्टी का नाम तक भूल चुके हैं। माना जा रहा है कि इसकी सबसे बड़ी वजह पार्टी आलाकमान द्धारा बीते विधानसभा चुनाव में टिकटों को बिक्री और ओवैसी की पार्टी का उभार है।

पीस पार्टी छोड़ कांग्रेस में शामिल हो चुके मज़बूत नेता अतहर अलीम का कहना है कि उन्होंने पार्टी में बहुत मेहनत की, मगर उनका टिकट काट कर सपा से आये एक अन्य नेता को बेच दिया गया। बाद में उन्हें भी हटाकर तीसरे नेता को टिकट बेचा गया। यही कहानी ज़िले की डुमरियागंज और इटवा विधानसभा में भी दोहराई गई। इससे जनता के बीच पीस पार्टी पूरी तरह बेनकाब हो गई।

ज़िले की राजनीति पर बारीक नज़र रखने वाले प्रोफेसर सुरेंद्र नाथ मिश्र इसका एक अन्य कारण भी बताते हैं। उनके मुताबिक पीपा का समर्थक वर्ग आमतौर से कट्टर मुसलमान था। पीस पार्टी की हरकतों ने उसकी उम्मीदों को झटका दिया है। उसके बाद जब ओवैसी की पार्टी ने इस जिले में अपना संगठन खडा किया तो यह समर्थक वर्ग पीस पार्टी को छोड़ ओवैसी की पार्टी के साथ खड़ा हो गया।

दूसरी तरफ पार्टी जिलाध्यक्ष जहीर आलम का दावा है कि पीपा का जनाधार घटा नहीं है। कुछ स्वार्थी नेता टिकट नही मिलने पर पार्टी छोड कर जरूर गये है, मगर पार्टी के जनाधार में कोई कमी नही आई है।

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16 Comments

  • Sanjay Kumar Yadav

    dashing & eye opener post

  • Bina jankari k news na diya karen… salamn malik saiyada ka bhatija h aur bsp me tha pp me kabhi nahi tha… rahi bat athar jaise chhot bhaiye neta ki to wo zindabad murdabad karne wale neta h…. pp pahle se zyada mazboot hui h..

    • Husban mahmood

      Riyaz bhai ap ki harasa coment me dikh raha hai
      Aor dusri bat d.ganj se rato rat PPI ka condidat q badla gya us pe bhi thodi roshni daliye
      Aor athar alim ko chota neta bola hai aapne aor aap bhi bahot bade neta na kabhi the aor na abhi bhi ho
      Crikt me comntry karte the aap iss se jada aap k bare me nahi jant
      Athar alim kal aap ka chaheta youwa neta tha aj jab ap ki partu ko alvida kah k national party congrs join kar liya to mirchi lag gayi

      • सही कह रहे हैं हसबन भाई…पीस पार्टी ने सिर्फ मुसलमानों के नाम पर राजनीति की है और खरीद-फरोख्त का एक रैकेट स्थापित किया है। इससे ज्यादा पीस पार्टी कुछ भी नहीं है।

    • रियाज साहब पेन स्लिप को बिना जानकारी का नाम न दें। मूल खबर में काई गलत बात लिखी गई हो तो बताए।

    • Waaah ye hui naa baat, lag raha ap bahut bade neta ban gaye

    • अतहर अलीम

      Riyaz miyan chut bhaiyya neta hi sahi par tumhari tarah qaud ke dalal nahi hai

    • अतहर अलीम

      Riyaz miyan aap ne tankhah leke ke PPI me kaam kiya hai hum ne to tankhah diya hai faisla kar lo

  • जहाँ तक में जनता हूँ पीस पार्टी का जनाधार घटा नही हैं
    जिसका रिकार्ड लोकसभा में आप देख चुके हो ।
    हाँ मै इस बात को मानने को तैयार हूँ की बढ़ा भी नही है ।और आपको बताना चाहता हूँ की विधान सभा चुनाव में पार्टी जा जनाधार बहुत तेजी से बढ़ेगा

  • peace party ka jan-adhar ghata nhi hai, ye aapko kisi ne ghalat jaankari de di hai…sacchai toh ye hai ki inka Jan-adhar samapt ho gya hai…..pichhle loksabha me mere gaon se jahan 600 votes me 250 votes mile the ab koi naam lene wala nhi hai….aur ye zahir hai is party ne ilaqe ke saare chor- uchakkon ko panah dekar apne irede zahir kar diye the…for eg. Dr. Mannan, Rizwan Zaheer aur bhi kaafi lambi list hai, in sab ne musalmano ke jazbat se khela hai aur kuchh nhi….main bhi shuruat me bahek gaya tha but ab jooton se swagat karunga in so called muslim leaders ka

  • खान साहब आपके नजदीक कौनसा नेता चोर नही उहै और कौन जज्बात से नही खेलता है

  • jis samaj ki netritw nahi hoti hai us samaj ke haq aur adhikaron ki hifazat nahi ho sakti hai
    “NO JUSTICE WITHOUT LEADERSHIP “

  • ashiq ali khan

    PPI ka kam to Dr, ayyub aur Dr, a. mannan ne jinki niyat pahle se hi khrab thi, dhoka dekar logon ko moorkh banaya lakin ab janta samajh chuki hai. inke dhokhe me nahi aaye gi . ashiq a. khan

  • ashiq ali khan

    hum ko Gonda se 2009 me Loksabha ladaya acha response mila. dimag aasman pe pahuncha Guru aur chele ne milkar tay kar liya ke Utraula vidhan sabha 2012 ka chunav Dr, A. Manna laden ge lalchiyun ka jo hashar hua sab ne dekha . aage ye Musalmano ko ahmaq samajhne ki galti na karen is liye is liye ek hi rasta hai media ka satark rah kar time to time inlogon ki asliyat ko ujagar karna. Ashiq a. khan

  • Chor party hai hai dono

  • Bjp ke dalal hai dono bhai log

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