असम से किडनैप कर गाजियाबाद में बेचा गया हश्मत शोहरतगढ़ पहुंचा, उमेश सिंह ने पिता से मिलवाया

January 19, 2017 2:36 PM0 commentsViews: 883
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दानिश फ़राज़ 

चाइल्ड हेल्प लाइन कर्मी के साथ हशमत और उमेश प्रताप सिंह

चाइल्ड हेल्प लाइन कर्मी के साथ हशमत और उमेश प्रताप सिंह

शोहरतगढ़, सिद्धार्थ नगर। तीन साल पहले असम से उड़ा कर गाजियाबाद बेच दिये गये बच्चे हश्मत को शोहरतगढ़ के समाजसेवी उमेंश प्रतापसिंह ने उसके परिवार से मिलाने का काम कर मानवता की मिसाल पेश की है। हश्मतका परिवार उसे लेने के लिए सिद्धार्थनगर रवाना हो गया है।

बताया जाता है कि असम के जागिघुप्पा गांव से मानव तस्करोंने अवहरण कर लिया था। उस समय हश्मत की उम्र ८ साल की थी। तस्करों ने उसे गाजियाबाद के एक व्यक्ति से २० हजार रुपये में बेच दिया। हश्मत तीन साल तक उस व्यक्ति के यहा झाड़ू पोछा करता रहा।

११ साल का हश्मत बताता है कि अचानक एक दिन मौका पाकर वह गाजियाबादसे भाग निकला। और कई दिन भटकने के बाद वह शोहरतगढ़ पहुंच गया। जहां वह पूर्व जिला पंचायत उमेश सिंह से टकरा गया। उन्होंने पूरी मदद की।

बताते हैं कि गाजियाबाद से भागते हुए हश्मत शोहरतगढ़ पंहुचा, यहाँ  वह जिला पंचायत सदस्य उमेश प्रताप सिंह को मिला । उन्होंने  उसका पता पूछ के इंटरनेट से उसका तालुका जोगिघुप्पा के सीओ का नम्बर लिया और वहाँ  बात किये । सीओ ने थाने से हश्मत के पिता यार मोहम्मद के पास सूचना भिजवाया  और हश्मत से बात भी करवाया। इसके बाद उमेश प्रताप सिंह ने हशमत को चाइल्ड लाइन वालो को सौंप दिया ।

समाचार लिखे जाने तक हश्मत चाइल्ड हेप् लाइन के संरक्षण में है। असम से उसके पिता और परिजन रवाना हो रहे हैं। उम्मीद है कि परसों बाप और बेटे का मिलन हो जाएगा। लोग उमेंश प्रताप सिंह की इस सजगता की प्रशंसा कर रहे हैं।

 

 

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