अधिकांश ब्लाक प्रमुख दहशत में, जल्द गिर सकती है अविश्वास प्रस्ताव की गाज

March 30, 2017 2:04 PM0 commentsViews: 1367
Share news

नजीर मलिक

111

सिद्धार्थनगर। सत्ता बदलते ही शक्ति के केन्द्र बदल जाते हैं। इस बार सत्ता समाजवादियों के हाथ से भाजपा की चेरी बनी है। भाजपा की सरका बनने से सर्वाधिक दहशत में जिले के बलाक प्रमुख हैं। उन्हें आशंका है कि भाजपा पर प्रेशर बना कर सपाइयों ने जिस प्रकार ब्लाक प्रमुख चुनाव जीता था, बदले राजनीतिक हालात में भाजपाई इसका बदला जरूर लेंगे और उनको अविश्वास के सहारे हटा कर अपने आदमी जरूर बैठायेंगे।

  नई सरकार के गठन के बाद से ही ब्लाक प्रमुखों के हटने की आशंका खड़ी हो गई है। इससे बचने के लिए ब्लाक प्रमुख गण नये राजनीतिक संरक्षण की तलाश में हैं। लेकिन इनमें से अधिकांश बच पायेंगे, इसकी संभवना कम है। भाजपा के अंदरूनी खेमे भी इस बात की चर्चा है कि अधिंश प्रमुखों को बदलना आवश्यक है। इसके लिए वह शीघ्र अविश्वास प्रस्ताव की मुहिम चला सकती है।

10 प्रमुखों को हटाने की तैयारी

खबर है कि जिले के १४ बलाक प्रमुखों में से कम से कम १० को अविश्वास के जरिये हटने की तैयारी चल रही है। इनमें खुनियांव, डुमरियागंज, बांसी, नौगढ़, बढनी, आदि पर सबकी निगाहें टिकी हैं।खुनियांव ब्लाक प्रमुख तौलेश्वर निषाद पूर्व विस अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय के करीबी रहे हैं। हालांकि माता प्रसाद की पत्नी भी इटवा की ब्लाक प्रमुख हैं, लेकिन उन पर कोई खतरा नहीं दिखता।

इसी प्रकार बांसी प्रमुख पर बांसी के पूर्व विधायक और सपा नेता लालजी यादव के पुत्र प्रमुख हैं और नौगढ़ के ब्लाक प्रमुख मो. शफीक बसपा नेता व शोहरतगढ़ के बसपा प्रत्याशी के भाई है। इसलिए इन पर विरोधियों की खास नजरें हैं। इसी प्रकार उस्का ब्लाक प्रमुख दयाराम लोधी व लोटन प्रमुख भी खास निशाने पर हैं।

डुमरियागंज पर खास नजर

सत्ताधारी दल की नजर में डुमरियागंज का प्रमुख पद कांटे की तरह खटक रहा है। यहां से सपा नेता राम कुमार ऊर्फ चिनकू यादव के पिता मिट्ठू यादव प्रमुख हैं। लेकिन डुमरियागंज की वास्तविकता यह है कि यहां पर लगभग सवा सौ बीडीसी में से ६४ मुस्लिम हैं। इसलिए वे यहां भाजपा का साथ देने को आसानी से तैयार होंगे, यह कठिन लगता है। फिर भी प्रयास तो होगा ही।

एक भाजपा कार्यकर्ता का कहना है कि जिस प्रकार से सपाइयों ने पुलिस के बल पर सारे पदों को हमसे छीना था, हम भूले नहीं है। और डुमरियागंज का तो बिलकुल नहीं। खबर है कि ब्लाक प्रमुखों ने अपना पद बचाने के लिए प्रभावशाली भाजपा नेताओं से सम्पर्क में जुट गये हैं। तो बदले राजनीतिक हालात मेंएक और सियासी ड्रामा देखने को तैयार रहिये।

 

Leave a Reply