सैयदा मलिक पिटीं, विधायक कमाल मलिक की इज्जत बची, प्रधान संघ मंडल अध्यक्ष ताकीब की लुटिया डुबी

December 13, 2015 10:08 pm1 commentViews: 1214
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नजीर मलिक

ग्राम कदिराबाद के बबलू मलिक और बिथरिया के अकरम मलिक

ग्राम कदिराबाद के बबलू मलिक और बिथरिया के अकरम मलिक

सिद्धार्थनगर। डुमरियागंजल विधान सभा क्षेत्र में पूर्व विधायक पुत्री व बसपा नेत्री सैयदा मलिक अपने गांव में पोजिशन गंवा बैठी हैं। विधायक कमाल यूसुफ ने किसी तरह इज्जत बचा लिया है। प्रधान संघ के मंडल अध्यक्ष ताकीब रिज्वी की तो लुटिया ही डूब गई है।

ॽमिली जानकारी के मुताबिक डुमरियागंज ब्लाक के ग्राम कादिराबाद के निवासी कमाल यूसुफ मलिक के परिजन फुजैल मलिक उर्फ बबलू मलिक सिर्फ तीन वोट से चुनाव जीतने में कामयाब रहे हैं।

विरोधियों का आरोप है कि उन्होंने रिकाउंटिंग करा कर जीत तय कराई, बहरहाल दूसरे पक्ष  की ओर  सत्ताधारी पार्टी के चिनकू यादव मदद में थे। बावजूद इसके बबलू की जीत हुई। उनके मुकाबले लड़ रहे मलिक रियाजुदृदीन भी उसी खानदान से हैं।

मलिक फुजैल उर्फ बबलू मलिक की जीत के बाद गांव में जश्न है। इस जीत से तकनीकी तौर पर विधायक कमाल यूसुफ की जीत जरूर हुई है, लेकिन मुकाबले का उम्मीदवार भी उसी खानदान से था, इसलिए इस जश्न में खानदान का उत्साह न के बराबर था। वैसे जीत तो जीत ही होती है।

दूसरी तरफ विधायक मलिक कमाल यूसुफ के प्रतिद्धंदी रहे ग्राम बिथरिया निवासी स्व. विधायक मलिक तौफीक अहमद की बेटी और गत चुनाव में कमाल यूसुफ की निकटतम प्रतिद्धंदी रहीं सैयदा मलिक के गांव में उनके करीबी कल्लू उर्फ हिसाबुल्लाह मलिक की पत्नी वहीदुन्निशां को कमाल मलिक समर्थक अकरम मलिक की पत्नी उम्मे सलमा मलिक ने 282 वोट से हरा दिया।

सैयदा मलिक का अपने गांव में निरंतर हारना चर्चा का विषय है। इसलिए कि इससे पूर्व के चुनाव में उनके चाचा सईद मलिक बीडीसी, व चिन्ने मलिक जिला पंचायत सदस्य का चुूनाव भी हार चुके हैं। लोग इसे दूरगामी परिणाम के तौर पर आंक रहे हैं।

एक अन्य खबर के मुताबिक जिले की सबसे शिक्षित ग्राम पंचायत हल्लौर में ग्राम प्रधान संघ के मंडल अध्यक्ष ताकीब रिजवी की बहू फिरदौस फातिमा सपा के अफसरी बेगम पत्नी कैसर अहमद कर्बलाई से 124 मतों से हार गई हैं। उन्हें उसी गांव केे सपा के नेता अफसर रिजवी ने लडाया था। सपा नेता चिनकू यादव उन्हें जम कर समर्थन दे रहे थे।

याद रहे कि बिथरिया गांव में जिला पंचायत और ग्राम पंचायत चुूनावों के दौरान जम कर हिंसा हुई थी। बहरहाल इस चुनाव में सैक्यदा के दोनाें चाचाओं और वर्तमान के उनके गांव में उनकी करीबी वहीदुन्निशां की हार चर्चा का विषय है।

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