रोड एक्सीडेंटः मां और मौसी की मौत पर बिलखते बच्चों को देख आसमान भी रो पड़ा

September 25, 2020 4:45 PM0 commentsViews: 1083
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नजीर मलिक

हादसे के बाद कार से लाशें निकालते मददगार

सिद्धार्थनगर। विनय अग्रहरि को क्या पता थाकि हरिद्वार से लौटकर आ रही उसकी पत्नी नीता और साली रीता के घर पहुंचने से 137 किलोमीटर पहले ही वह कॉल के गाल में समा जाएंगी। बहरहाल गतदिवस शाम को जब उन दोनों सहित चार शव सिद्धार्थनगर मुख्यानय पर पहुंचा तो लोगों के साथ आसमान भी रो रहा था। बच्चे चीख रहे थे। उनकी चीख कुछ ज्यादा ही थी। क्योंकि उनकी मां के साथ मौसी की भी मौत हो जाने से डूबते कोतिनके का सहारा भी चला गया था। इस अवसर पर परिजनों के आसू देख कर आसमान से बारिश हो रही थी। मानों कुदरत भी इन बच्चों की आंसुओं को अपना समर्थन दे रही थी।

और तीर्थयात्रा बन गई स्वर्ग यात्रा

यहां जिला मुख्यालय के रामनगर मुहल्ले की नीता अग्रहरि तीन दिन पूर्व अपनी बहन रीता और अन्य लोगों के साथ तीर्थयात्रा पर हरिद्वार गई थीं। लौटते समय सिद्धार्थनगर से 137 दूर बहराइच पहुंचने से पहले ही उनका वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया। नीता को भी क्या मालूम, भी घर पर छोड़कर यात्रा से लौटने पर पति और बच्चों का मुंह नहीं देख पाएंगी और यह तीर्थयात्रा उन सबों की स्वर्ग यात्रा में तब्दील हो जाएगी।

चारों शव आये तो मच गया कोहराम

कल नीता का शव आने के बाद मुहल्ले में कोहराम मच गया। उनके बच्चे रौनक, शानू, मुस्कान, मासूम की चीख-चीख कर रोना हर किसी को झकझोर रहा था। नीता के पति विनय अग्रहरि की आंखों से आंसू रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे। बृहस्पतिवार को अंतिम संस्कार के लिए नीता का शव ले जाते समय बच्चों की दहाड़ से सभी की आंखें समंदर बनी हुई थीं। कल जब नीता का शव जिला मुख्यालय के रामनगर मुहल्ले में बने  उनके आवास पर पहुंचा तो उनके चार बच्चों ने उन्हें अंतिम विदाई दी।  इस अवसर पर आसमान से बरसते बादल मानों चार शवों केलिए आंसू बहा रहे थे।

 दुख में डूबा है पाठक परिवार

इसी के साथ उनकी बहन रीता का शव मुख्यालय के ही पुरानी नौगढ़ भेजा गया। जहां सूरज अग्रहरि का परिवार दहाड़े मार रहा था। सबसे बुरी हालत पड़ोस के सचिचदानंद पाठक के परिवार की थी। सचिदानंद पाठक की पत्नी मिस्रावती देवी उनकी सात साल की पुत्री निशा की भी उसी मार्ग दुर्घटना में मृत्यु हुई थी।  पाठक परिवार पर मानों दुखों का पहाड़ टूट पड़ा हो। एक बेटा अभी घायल है और मडिकल कालेज में भर्ती है, जहां उसकी हालत नाजुक बताई जाती है। 

बता दें कि उपरोक्त तीन परिवारों के सभी दस लोग एक कार से हरिद्धार से सिद्धार्थनगर वापस आ रहे थे। दुर्भाग्य से तीन  बजे रात मे चालक के नींद आ जाने से ग्राम रमपुरवा थाना हरदी जिला बहराइच मे उनकी कार एक पेड़ से टकरा गई। इनमें चार की मौके पर मौत हो गई बाकी 6 लोग घायल हैं जिनमें दो की हालत गंभीर है। फिलहाल तीनों परिवारों के लोग भयानक सदमें में हैं। नगर में व्यापक शोक है।

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