नदी में लगे जाल से अंश व राजनाथ की लाशे मिलीं, सुजल के शव की खोज जारी

March 15, 2022 1:43 PM0 commentsViews: 435
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अंश का शव आते ही पछाड़ खाकर बेहोश हुई विधवा मां, रोते हुए बोली कैसे कटेगा वैधव्य?

नजीर मलिक

अंश कुमार सैनी़-फाइल फोटो

सिद्धार्थनगर। अखिर 60 घंटे बाद बांसी की राप्ती नदी में डूबे 14 साल के तीन बबच्चों में से दो, अंश सैनी व राजनाथ की लाशें सोमवार को मिल गईं। तीसरे सुजल की तलाया जारी है। दोनों की लाशें बांसी से सात किमी दूर अजमागढ़ गांव के पास से संयोगवश बरामद हुई, वरना गोताखोर तो उम्मीद छोड़ ही चुके थे।

बताते है कि अजमागढ़ गांव के कुद लोग राप्ती नदी में जाल डाल कर मछली का शिकार करते थे। सोमवार की पूर्वान्ह 11 बजे जब वह जाल को निकालने गे तो उसें उल्झा एक बच्चे का बाव मिली जिसकी पहिचान अंश कुमार सैनी के रूप में हुई। दूसरे बच्चे राजनाथ की लाश कस्बे के शास्त्रीनगर स्थित श्मशान घाट के पास  पानी में तैरता पाया गया।

दोनों बच्चों के शवों का पता चलते ही एक बार फिर उनके घरों में कोहराम मच गया। सबसे बुरी दशा अंशा की माता 30 वर्षीया मुन्नी देवी की थी। मुन्नी देवी के पति राकेश सैनी की पिछले वर्ष मौत हो गई थी।अंश उसका इकलौता बेटा व बुढ़ापे का एक मा़ सहारा था। वह बार पछाड़ें खाकर बेहोश हो जा रही है। मुन्नी देवी कहती है कि कि वहीं उसके बुढ़ापे का एकमात्र सहारा था।  मगर अब जीवन कैसे कटेगा/ यह कह कर वह एक बार फिर बेहोश हो जाती है।

बताते चलें कि बांसी कस्बे के अंश सैनी (15) पुत्र राकेश सैनी, राजनाथ (15) पुत्र दयाशंकर निवासी मोहल्ला श्याम नगर व सुजल श्रीवास्तव (14) पुत्र धमेंद्र श्रीवास्तव निवासी मोहल्ला अकबर नगर शनिवार अपरान्ह् राप्ती नदी में नहाते समय डूब गये थे। कक्षा नौ मे पढ़ने वाले तीनों बालक आपस में मित्र भी थे। नदी के किनारे उनके कपड़े व चप्पल मिले थे। घटना की शाम स्थानीय गोताखोरों और रविवार पूरा दिन एनडीआरएफ की टीम ने उनकी लाशों की तलाश किया मगर अंत में निराशा ही हाथ आई।

 

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