बांसी में दर्जनों पक्के मकानों पर बल्डोजर का कहर, चमनआरा नज़रबन्द, लालजी यादव गिरफ्तार
एक साथ मौके पर पहुंचे सात बुलडोज़र और किया तोड़फोड़, पुलिस की छावनी बना मंगल बाजार का रामलीला मैदान
नज़ीर मलिक
सिद्धार्थनगर। उपनगर बांसी के रामलीला मैदान पर दो दर्जन घरों को ध्वस्त करने के लिए रविवार को एक साथ सात बुलडोजरों ने पहुंचकर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू की और देखते ही देखते विशाल भवनों व दुकानों को ज़मीदोज़ करने का काम शुरू कर दिया। इससे पूरे वार्ड में कोहराम मच गया। दूसरी ओर मकानों और दुकानों के स्वामी असहाय बन कर सारी कार्रवाई देखते रहे। हालांकि कुछ महिलाओं ने क्षेत्रीय भाजपा विधायक से मकानो को बचाने की अंतिम कोशिश की, मगर वह भी नाकामयाब ही रहा।
मध्यान्ह में कार्रवाई शुरू की गई
रविवार मध्यान्ह लगभग 12 बजे सात बुलडोज़र बांसी के रामलीला मैदान पहुँच गए। इस वक्त वहा भारी पुलिस बल तैनात थी। इसके अलावा एसडीएम शशांक शेखर राय, सीओ मयंक द्विवेदी सहित अनेक राजस्वकर्मी व अधिकारी मौजूद थे। देखते ही देखते सारे बुलडोज़र वर्षों से बने अनेक भवनों व दुकानों को ध्वस्त करने में लग गए। ध्वस्तीकरण के प्रति प्रशासन का कड़ा रुख देख कर अधिकांश मकान पहले ही खाली किये जा चुके थे लेकिन् मकान खाली नही थे। पुलिस किसी भी स्थिति से निपटने के लिए चाक चौबन्द थी और मकानों के स्वामी लाचार इधर से उधर दौड़ रहे थे। इसी बीच कुछ लोगों ने बांसी के विधायक और भजपा नेता जयप्रताप सिंह से भी फरियाद किया परंतु उन सबका अंतिम प्रयास भी बेकार गया और ध्वस्तीकरण की कार्रवाई जारी रही। सायंकाल तक कार्रवाई जारी थी। प्रशासन के सूत्रों के आसार है कि ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कल भी जारी रहेगी।
चार चार पीढ़ी से मकान बनाये थे लोग
मंगल बाजार में रहने वाले मनोज जायसवाल, प्रदीप कुमार, दिलीप व मोनू जायसवाल का कहना है कि उनके बाहर का हिस्सा तो अतिक्रमण की जद में आ सकता है लेकिन उनका मकान चार पीढ़ी पुराना है। वहीं, कुछ लोगों का कहना है उनके पास वर्ष 1946 की रसीद है। रईस अहमद, मो गुफरान, इमरान, सीमा देवी के अलावा और लोगों ने पुनः पैमाइश सीमा से कराने की मांग की है। लेकिन एसडीएम शशांक राय का कहना है की कई बार भूमि की पैमाइश हो चुकी है। मुकदमा भी डीएम के यहां से खत्म हो चुका है। अब इसमें कुछ नहीं किया जा सकता है। फिलहाल ध्वस्तीकरण ज़ोरशोर से जारी है।
क्या है विवाद का कारण?
उल्लेखनीय है की रामलीला मैदान की बेश कीमती जमीन पर दो दर्जन से अधिक लोगों ने स्थायी अतिक्रमण कर रखा था। प्रशासन इसे खाली कराने के लिए एक वर्ष से विधिक कार्रवाई कर रहा था। एक माह पूर्व डीएम के न्यायालय में सुनवाई के दौरान अतिक्रमणकारी कोई साक्ष्य नहीं दे सके और फैसला उनके खिलाफ गया। इसके विपरीत कब्जाधारकों का कहना है कि उन्होंने साक्ष्य दिया परंतु प्रशासन देखने को तैयार नहीं है। इसके बाद नगर पालिका प्रशासन ने लोगों के घरों पर नोटिस चस्पा कर दिया तथा लाल निशान से मकानों व दुकानों को चिह्नित किया साथ ही एक पखवारे के अंदर अतिक्रमण खुद हटाने की चेतावनी भी दी। आखिर आज वह दिन आ ही गया और अतिक्रमण ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई।
सपा जिलाध्यक्ष लालजी गिरफ्तार
बाँसी नगर पालिका के मंगल बाजार में चलाए जा रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान का सपा के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने जम कर विरोध किया। जिस पर पुलिस ने पूर्व विधायक लालजी यादव व विजय पासवान साहित कई नेताओं को गिरफ्तार और दो को हाउस अरेस्ट कर लिया गया है। परंतु पुलिस ने अधिकृत रूप से अभी पुष्टि नहीं की है।
रविवार को तहसील मुख्यालय बांसी के मंगल बाज़ार में चल रहे अतिक्रमण के ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू होते ही सपा जिलाध्यक्ष व पूर्व विधायक लालजी यादव व पूर्व विधायक विजय पासवान समेत दर्जनों सपाई प्रदर्शन करते हुए दोपहर दो बजे धरने पर बैठ गए, जिस पर पुलिस ने एहतियाती कार्रवाई करते हुए दोनों नेताओं को हिरासत में ले लिया और बांसी कोतवाली से दूर शिवनगर डीड़ई थाने ले गई। इसके अलावा सपा नेता व नगर पालिका अध्यक्ष चमन आरा राईनी व पूर्व अध्यक्ष इदरीस राईनी को उनके घर में नज़रबन्द कर दिया इस दौरान बांसी पुलिस को हल्का बल भी प्रयोग करना पड़ा।
गिरफ्तार नेता व पूर्व विधायक लालजी यादव ने ध्वस्तीकरण को गलत बताया है। उनका कहना है कि सभी पीड़ित ज़मींदारी काल से ही बसे हुए हैं जिनके पास उन ज़मीनों की रसीदें व समझौते के कागज़ भी है, मगर शासन प्रशासन स्थानीय नागरिकों के खिलाफ अत्याचार कर रहा है।