सपा का अभेद्य किला बांसीः जहां एक उपचुनाव छोड़ कर सदा हारती रही है भाजपा

April 13, 2023 1:16 PM0 commentsViews: 416
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नजीर मलिक

सपा की बैठक में रणनीति बनाते सपा नेता माता प्रसाद पांडेय व कार्यकर्ता

बांसी। नगर पालिका परिषद बांसी में सपा का गढ़ भेदने के लिए भाजपा बेताब है। इस अभेद किले पर कब्जा करने के लिए भाजपा के पदाधिकारी लगातार तीन महीने से बैठक कर कार्यकर्ताओं में ऊर्जा भरने का काम कर रहे हैं। वहीं सपा नेता भी अपने इस गढ़ को बचाने के लिये हर संभव प्रयास कर रहे है। हालाकि, बसपा व कांग्रेस पार्टी भी नगरीय निकाय चुनाव मे मजबूत दावेदारी पेश करने की तैयारी में जुटी हुई है। नगर पालिका के 2001 से अब तक हुए अध्यक्ष पद के चार चुनाव में सपा का कब्जा रहा है। इस बीच सिर्फ एक बार भाजपा को उप चुनाव में सफलता मिली है। अब देखना यह है कि आगामी चुनाव में सपा अपना किला बचाने में कामयाब होती है या भाजपा परचम लहराने में कामयाब होती है। भाजपा नेता इन दिनों लगातार वार्डवार व बूथ स्तर पर समीक्षा बैठक कर रही है तो वही सपा नेता भी जनसंपर्क अभियान चला रहे हैं।

पहले रहा ऐसा चुनावी समीकरण

वर्ष 2001 के चुनाव मे सपा प्रत्याशी संध्या जायसवाल ने जीता था। बसपा प्रत्याशी श्रीमती राईनी दूसरे स्थान पर तथा मामूली अंतर से भाजपा प्रत्याशी राजकुमारी तीसरे स्थान पर रही थीं। इसके बाद वर्ष 2007 के चुनाव में सपा प्रत्याशी वली मोहम्मद राईनी चुनाव जीतने में सफल हुए दूसरे स्थान पर निर्दल प्रत्याशी अजय कुमार श्रीवास्तव अज्जू रहे। वर्ष 2010 में नपा अध्यक्ष वली मोहम्मद राईनी के आकस्मिक निधन के बाद हुए उप चुनाव में भाजपा प्रत्याशी अजय कुमार श्रीवास्तव चुनाव जीते। वर्ष 2012 में हुए आम चुनाव में सपा अपनी सीट वापस पाने मे सफल हो गई। इस बार सपा की चमन आरा राईनी ने भाजपा की वंदना श्रीवास्तव को शिकस्त दिया। वर्ष 2017 के के चुनाव में चमन आरा के पति व सपा नेता मो. इद्रीश पटवारी चुनाव जीते। दूसरे स्थान पर भाजपा के अजय कुमार श्रीवास्तव रहे।

आरक्षित हो गई है सीट

नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए पार्टी का प्रत्याशी बनने के लिय भाजपा व सपा में होड़ मचा हुआ है। हालाकि नगर पालिका परिषद बांसी अध्यक्ष पद पिछड़ी जाति महिला आरक्षित हो जाने से दावेदारों की संख्या में कमी आई है।

सपा के अभेद किले पर कब् करने के लिए भाजपा के पदाधिकारी लगातार तीन महीनों से बैठक कर कार्यकर्ताओं में ऊर्जा भरने का काम कर रहे हैं। वहीं सपा नेता अपने गढ़ को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी भी नगरीय निकाय चुनाव में मजबूत दावेदारी पेश करने तुली हुई है। नगर पालिका के 2001 से अब तक हुए अध्यक्ष पद के चार चुनाव में सपा एक उपचुनाव को छोड़ कर हर बार कामयाबी हासिल की है।

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