बसपा प्रभारी श्रवण निराला हंगामें के बाद पार्टी से निष्काषित, २३ साल से बसपा से जुड़े थे

July 11, 2019 12:29 PM0 commentsViews: 490
Share news

 

गोरखपुर।. बसपा से निष्कासित किए गए बांसगांव विधानसभा प्रभारी श्रवण कुमार निराला ने कहा कि उन्होंने कल पार्टी से इस्तीफा दे दिया। पार्टी के बड़े नेताओं ने 23 वर्ष तक पार्टी की सेवा और बहुजन समाज के लिए किए गए मेरे संघर्ष का अपमान किया। बिना कोई कारण बताए मुझे विधानसभा प्रभारी पद से हटा दिया गया।
उन्होंने एक वार्ता के दौरान कहा कि वह छात्र जीवन से बसपा के कार्यकर्ता के रूप में कार्य कर रहे हैं। वर्ष 2008 से वह पार्टी सुप्रीमो के निर्देश पर बस्ती, देवीपाटन, फैजाबाद, आजमगढ़, गोरखपुर में 10 वर्ष से अधिक समय तक कोआर्डिनेटर का काम किया। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती जी   ने मुझे बुलाकर कहा कि पार्टी कमजोर हो रही है। ऐसे में तुम्हारे जैसे कार्यकर्ताओं को चुनाव लड़ना चाहिए।

उन्होंने बांसगांव विधानसभा का प्रभारी बनाने हुए चुनाव की तैयारी शुरू करने को कहा। उनके निर्देश के बाद मै ढाई वर्ष से बांसगांव क्षेत्र में संगठन को मजबूत बनाने और जनता के मुद्दों पर संघर्ष करने का काम कर रहा था। इसी का नतीजा है कि लोकसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी को 415 बूथ वाले बांसगांव विधानसभा क्षेत्र से 85000 वोट मिले। आज कोई कारण बताए बिना उन्हें विधानसभा प्रभारी पद से हटा दिया गया। यह मनमाना रवैया मुझे स्वीकार नहीं है।
श्री निराला ने आरोप लगाया कि पार्टी किसी धनबली को बांसगांव से चुनाव लड़ाना चाहती है। इसलिए उन्हें यहां से हटाया गया है क्योंकि वह पैसे नहीं दे सकते थे। उनके पास अम्बेडकरवादी विचारधारा के प्रति निष्ठा, जनता के मुद्दों पर संघर्ष व कार्यकर्ताओं का संबल है।
श्री निराला ने प्रेस को जारी एक विज्ञप्ति में कहा है कि पार्टी द्वारा किया गया अन्याय मुझे स्वीकार नहीं है। मै बांसगांव से चुनाव हर हाल में लडूंगा और जीतूंगा। मेरी इस लड़ाई में जनता की अदालत ही अब न्याय करेगी। बताते चलें कि कल गोरखपुर में बसपा की बैठक में निराला को प्रभारी पद से हटाने की घणा के बाद काफी हंगामा हुआ थ्रर। उसके बाद उनके निष्कासन की घोषणा की गई थी।

 

 

 

 

 

 

 

 

Leave a Reply