बढ़ रही डकैती कत्ल की वारदातें, तो क्या बावरिया गिरोह आ चुका है सिद्धार्थनगर में?

November 15, 2015 1:38 PM0 commentsViews: 791
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नजीर मलिक

पिछले दिनों बिठूर में दबोचे गये बावरिया गैंग के सदस्य

पिछले दिनों बिठूर में दबोचे गये बावरिया गैंग के सदस्य

डकैती के दौरान गोली बारूद का प्रयोग किये बिना लूट और हत्या की घटना आम तौर से बावरिया गिरोह करता है। हाल के दिनों में सिद्धार्थनगर जिले में इस तरह की चार घटनाएं हुईं, जिस में दो की हत्या हुई और 11 लोग घायल हो गये। सवाल है कि क्या जिले में बावरिया गिरोह आ धमका है या कोई गैंग पुलिस को चकमा देने के लिए ऐसे करतूत कर रहा है।

पिछले सप्ताह बढनी टाउन में बदमाशों ने घनश्याम गुप्ता के घर पर धावा बोला। उसने डंडो से पीट कर घनश्याम को मार डाला। उनकी पत्नी और बेटों को जख्मी कर लूट पाट की।

दीपावली के दूसरे दिन सिद्धार्थनगर शहर में भीमापार में लाठी डंडो से मुखिया नामक व्यक्ति की हत्या और आठ लोगों को घायल कर बदमाशों ने लूटपाट की। शुक्रवार की रात में बांसी के आजादनगर र्वाउ में लाठी डंडा से सजे गिरोह ने धमेंन्द्र तिवारी के घर लूट पाट की। किसी भी घटना में धारदार हथियार या गोली बंदूक का प्रयोग नहीं हुआ।

अपराधों की जानकारी रखने वाले जानते हैं कि इस तरह की वारदात बावरिया गिरोह ही करता है। वह अपने साथ हथियार नही रखता है। घटना से पूर्व वह कही से डेउे सरिया आदि का इंतजाम कर घटना को अंजाम देता है।

कई बार लोगों को चकमा देने के लिए स्थानीय गिरोह भी इस तरह के स्वांग रचते हैं। लेकिन इस बार की ताबड़तोड़ घटनाओं को देख कर बावरियों के जिले में आने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है।

कौन हैं यह बावरिया गिरोह वाले

बावरिया गिरोह का जन्म मूलतःराजस्थान के भरतपुर जिले में हुआ था। इस इलाके के लोग गैंग बना कर देश के विभिन्न इलाको में घूम घूम कर डकैती डालते हैं।इनका मुखिया कभी वारदात में शामिल नहीं होता है। पकड़े जाने पर मुखिया ही उनके लिए दूरदराज के इलाकों में जमानत आदि की व्यवस्था करता है।

यह उन्हें लूटी गई रकम का एक हिसा देते हैं। यह कभी हथियार नहीं रखते हैं। घटना स्थल के आस पास पडे डंडो या पेडों की टहनियों को यह मारने पीटने के लिए इस्तेमाल करते हैं। यह अधिकतर सर पर वार करते हैं।

शगुन के आधार पर करते हैं इलाके का निर्धारण

बावरिया डकैती से पहले शगुन निकालते हैं और उस पर अमल करते हैं। घटना के पूर्व ह मुठृठी भर अनाज उपर से नीचे गिराते हैं। अनाज जिस दिशा में अधिक छिटकते हैं, या उसी दिशा में रवाना होते हैं और घटना को अंजाम देते हैं। बिना शगुन के यह कोई वारदात नहीं करते हैं।

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