तस्करीः भारत की खाद से लहलहा रहीं नेपाल की फसलें, एजेंसिया उदासीन

August 4, 2022 1:21 PM0 commentsViews: 229
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एम. आरिफ

शोहरतगढ़, सिद्धार्थनगर। भारत के किसानों के हिस्से की खाद से नेपाल की फसलें लहलहा रही है। जिले से सटी नेपाल की सीमा में प्रतिदिन हजारों बोरी खाद तस्करी  के माध्यम से सीमा पार भेजी जा रही है। तस्करी के इस खेल में जिले के लाईसेंसधारी खाद विक्रेता भी प्रतिबोरी अच्छा-खासा मुनाफा कमा रहे हैं। एक अनुमान के अनुसार जिले को आवंटित होने वाली खाद का एक बड़ा हिस्सा तस्करी के जरिए नेपाल भेज दिया जा रहा है।

धान की रोपाई के बाद खाद की मांग बढ़ी है, खास तौर से यूरिया की। नेपाल से सटे भारतीय क्षेत्रों में इन दिनों यूरिया लगभग नदारद है। किसान यूरिया के लिए दुकानों का चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उन्हें जरूरत के अनुसार खाद नहीं मिल पा रही है। इस किल्लत की वजह है अधिक मुनाफे के चक्कर में तस्करी के जरिए नेपाल भेजी जाने वाली यूरिया। सीमाई क्षेत्र की बाजारों से नेपाल को खाद की तस्करी होने के मामले से आजिज किसानों ने खुद ही आगे आकर पूरी पोल खोल दी है।

सीमावर्ती क्षेत्र के किसान अपने मोबाइल में यूरिया खाद की तस्करी के इस खेल को कैद कर  लोगों को दिखाते हैं। कहीं साइकिल तो कहीं ट्रैक्टर-ट्राली से खाद सेमरहवा, बगही, बसंतपुर, लोहटी, कोटिया, धनौरा मुस्तकहम आदि रास्तों से बेखौफ भेजी जा रही है। कैद तस्वीरों के अलावा खाद की तस्करी का यह खेल पूरी तरह से खुली नेपाल सीमा के अन्य तमाम गैर परंपरागत रास्तों से हो रहा है। पूरे सीमा क्षेत्र में प्रतिदिन इस तरह से खाद की तस्करी आम बात हो गई है। जिसके चलते भारतीय खाद से नेपाल की फसलें तो लहलहा रही है, लेकिन जिले की फसलें खाद के अभाव में मुरझाई जा रही हैं।

 पूर्व में खाद तस्करी रोकने के लिए शासन ने नेपाल सीमा से समीप क्षेत्रों में खाद के लाइसेंस पर प्रतिबंध लगा दिया था लेकिन अब तुलसियापुर चौराहे व उसके आसपास कई खाद की दुकानें खुल भी गई हैं। बताया जा रहा है कि कुछ दुकानदारों को राजनैतिक संरक्षण भी प्राप्त है। जिसके चलते आसपास की दुकानों से नेपाल के लिए खाद की तस्करी बदस्तूर जारी है। स्थानीय दुकानदार तस्करी के माध्यम से प्रतिदिन प्रति बोरी 50 से 100 रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं। इस प्रकार इस खेल में तस्कर गैंग प्रतिदिन लाखों का वारा न्यारा कर रहा हैं। लकिन तस्करी निरोधक एजेंसिया इसकी रोकथाम में विफल हैं। आरोप है कि वे इसकी रोकथाम के प्रति उदासीन हैं।

इस संबंध में एसडीएम शोहरतगढ़ उत्कर्ष श्रीवास्तव ने बताया कि जिले के कोटे की खाद का नेपाल में तस्करी होने का मामला गंभीर है। कृषि विभाग को कार्रवाई करने का आदेश पहले ही दिया गया था। विभाग ने कुछ अवैध संचालित खाद दुकानों पर कार्रवाई की है और खाद बिक्री के लिए लाइसेंस अनिवार्य है। जिला कृषि अधिकारी सीपी सिंह ने कहा कि तस्करी रोकना पुलिस और एसएसबी का काम है। एसपी ने सभी थानाध्यक्षों को तस्करी रोकने के लिए कड़ाई से निर्देशित किया है। सूचना मिलेगी तो विभाग ऐसे दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई करेगा।

तस्करों के दिमाग के आगे सुरक्षा एजेंसियां नाकाम

तुलसियापुर। खाद तस्करी का यह खेल नेटवर्क से जुड़े लोग बड़ी ही चालाकी और पूरी प्लानिंग के साथ करते हैं। तस्कर साईकिल या बाइक पर दो से तीन बोरी यूरिया लादकर बिना किसी डर के नेपाल के बहादुरगंज तक चले जाते हैं। इसके लिए पगडंडियों के साथ अन्य गैर परंपरागत रास्तों का इस्तेमाल करते हैं। नेपाल पहुंचने के बाद तस्कर तय जगहों पर खाद की डिलेवरी करते हैं और फिर उन खाद की बोरियों को मंहगे दामों में नेपाल के किसानों को बेच दिया जाता है। पुलिस सहित भारत-नेपाल सीमा पर अवैध कामों को रोकने के लिए लगी सुरक्षा एजेंसियां खाद तस्करी के इस खेल को पूरी तरह से फेल हो रही हैं। पुलिस दो-चार दिन में कुछ बोरियां की रिकबरी दिखाकर अपनी सक्रियता साबित करने की कोशिश तो करती है लेकिन उसका यह प्रयास नाकाफी साबित हो रहा है।

 

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