ब्लाक प्रमुख पति पर मुकदमाः इतनी दबिश तो चंबल के डकैतों के लिए भी नहीं पड़ती कप्तान साहबǃ

December 18, 2017 4:29 PM0 commentsViews: 1916
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–प्रधान संघ के अध्यक्ष ने बताया दारोगा से जान कसे खतरा, कहा– एसओ दे रहे मुझे इनकाउंटर की धमकी

–अपर पुलिस अधीक्षक कह रहे कोई उत्पीड़न नहीं, नहीं मिला प्रमुख का प्रार्थनापत्र,फिर भी निष्पक्ष कार्रवाई होगी

नजीर मलिक

जमीर अहमद उर्फ बड़कू

सिद्धार्थनगर। जिले के  लोटन बलक में प्रधान व ब्लाक प्रमुख जमीर अहमद बड़कू और संजय पटेल के बीच हुए विवाद में पुलिस का एक तरफा रुख राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। पुलिस ने जिस तरह राजनैतिक दबाव में तिन का ताड़ बनाया है, उससे सत्ता विरोध दलों में भय व्श्सप्त हो गया है। लोग कहने लगे हैं कि सामान्य विवाद में पुलिस ऐसी कार्रवाईकर रही है, जैसे आरोपी कसेई जघन्य आरोपी या  चम्बल का डकैत हो। बड़कू का कोई आपराधिक इतिहास भी नहीं है। ऐसे में पुलिस की  यह कार्रवाई जनमानस में भय उत्पन्न करती है। कई लोग आरोप लगाते हैं कि राजनैतिक दबाव में पुलिस लोतंत्र विरोधी कार्रवाई करने लगी है। बताते चलें कि बड़कू समाजवादी पार्टी के नेता हैं।

प्रधान संघ के अध्यक्ष दिवाकर पांडेय

 लोटन ब्लाक के प्रमुख पति व भिटपरा के ग्राम प्रधान जमीर अहमद उर्फ  बड़कू और पंचायत सेकेट्री संजय पटेल के बीच हुए एक विवाद और धक्का मुक्की पर लोटन पुलिस ने तहरीर तो दोनों पक्ष की ली, मगर मुकदमा संजय पटेल की तरफ से प्रमुख पति जमीर अहमद बड़कू व उनके चार सहयोगियों के खिलाफ लिखा। इसे पुलिस का राजनैतिक दबाव में लिया फैसला मान प्रमुखपति अग्रिम जमानत के प्रयास में कहीं चले गये। जबकि चार लोग जेल चले गये।

जमीर अहमद बड़कू के सहयोग में लोटन ब्लाक प्रधान संघ सामने आया तो पुलिस ने संघ अध्यक्ष दिवाकर पांडेय को धमकी दिया, लिहाजा वे भी भूमिगत है। पुलिस वाले इतने पर भी नहीं माने और उनके परिजनों व उनके घर काम करने वाले आधा दर्जन लोगों को उठा लिया। आज चार दिन से वे थाने पर अवैध रूप से  बैठाये हुए हैं। पुलिस बड़कू की तलाश में संभावित स्थानों पर लगातार दबिश दे रही है। पुलिस को अब केवल बड़कू की तलाश है और बड़कू व दिवाकर पांडेय को डर है कि पकड़े जाने पर उनके साथ कोई अनहोनी हो सकती है।

क्या है  पूरा मामला?

12 दिसम्बर की घटना है। लोटन ब्लाक परिसर में बड़कू और सेक्रटरी के बीच विवाद हुआ। बड़कू का कहना था कि निर्माण के लिए ईंटे जिस भट्ठे से आई थीं, उसकर भुगतान न कर चेक दूसरे के नाम क्यों काटा गया? इस विवाद में कुछ धक्का मुक्की हुई। बडकू उस समय अकेले थे। लेकिन इस घटना को ब्लाक परिसर में दर्जनों लोगों ने देखा। कोई मारपीट नहीं हुई, न ही सरकारी काम में बाधा पहुंचाई गई। इसके बावजूद बड़कू और उनके भाई शकील अहमद, प्रधान वाजिद अली, प्रधानपति रजीउर्रहमान और एक साथी अजीज के खिलाफ धारा 147, 332, 353, 333, 323, 504, 506, 427 और  7- क्रिमिनल ला एमेंडमेंट एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया। जबकि बड़कू की तहरीर रद्दी की टाकरी में डाल दी गई।

बड़कू हुए भूमिगत

थाने पर पुलिस का रवैया देख बड़कू अनहोनी के डर से भूमिगत हो गये। 13 दिसम्बर को बड़कू की पत्नी और लोटन की ब्लाक प्रमुख श्रीमती सजलैन ने मामले की आन लाइन शिकायत की। जिलाधिकारी को भी पत्र देकर फरियाद की, घटना की जानकरी बीडीओ लोटन को तो थी ही, डीपीआरओ और सीडीओ, उीडीओ को भी दी गई, मगर सामान्य विवाद की जांच नही हुई। उलटे पुलिस जरूर बड़कू की गिरफ्तारी के लिए दबिश डालती रही।

जमीर अहमद बड़कू का कहना है

इस बारे में जमीर अहमद उर्फ बड़कू का कहना है कि ब्लाक प्रमुख के अविश्वास प्रस्ताव में सत्ता पक्ष की पराजय के  बाद से ही पुलिस राजनैतिक दबाव में उनको परेशान कर रही है। उनको एक बार फर्जी एक्सीडेंट के मामले में भी फंसाने का प्रयास कर चुकी है। इस बार भी कोई मारपीट नहीं हुई। लेकिन उनके परिजानों को अबैध रूप से थाने पर हिरासत में रखा गया है। उन्होंने सवाल उठाया कि इस मामले में पुलिस इतनी सक्रिय है, जैसे वो चंबल के डकैत हों और मौका मिलते ही उनके इनकाउंटर के लिए आतुर हों।

प्रधान संघ अध्यक्ष ने कहा पुलिस ने इनकाउंटर की धमकी दी मुझे

इस प्रकरण में लटन ब्लाक के प्रधानसंघ के अध्यक्ष दिवाकर पांडेय ने कहा कि घटना के दिन कोई मारपीट नहीं हुई। जब मैने ग्राम प्रधान और प्रमुख के पति जमीर के पक्ष में आवाज उठाई तो लोटन के थानाध्यक्ष ने धमकी दी और कहा कि बड़कू को हाजिर कराओ वरना तुम्हारा इंनकाउंटर कर दिया जायेगा। इस धमकी के बाद मुझे भी भूमिगत होना पड़ गया।

एडिशनल एसपी ने कहा पुलिस निष्पक्ष है

घटना के सम्बंध में अपर पुलिस अधीक्षक अरविंद कुमार मिश्र ने सारे आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पुलिस निष्पक्षता से काम कर रही है।  उन्होंने कहा कि पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा लिखा है। बड़कू की तहरीर पर मुकदमा क्यों नहीं लिखा गया? इस सवाल पर एएसपी का कहना था कि उन्होंने कोई तहरीर नहीं दी।

एएसपी की बात मान लेते हैं कि बड़कू ने पुलिस को कोई तहरीर नहीं दी, लेकिन सवाल है कि जब उन्होंने आन लाइन शिकायत दर्ज कराई तो पुलिस ने उसका संज्ञान क्यों नहीं लिया।  खैर पुलिस से जितने भी सवाल किये गये, उनका एक ही कथन है कि मामले में निष्पक्ष कार्रवाई हो रही है।

 

 

 

 

 

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