वाह रे विकास: चंदे की रकम से होता है बोहली पावर हाउस का मेंटेनेंस

June 25, 2025 1:07 PM0 commentsViews: 68
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जरूरत पड़ने पर पावर हाउस में लगाई जातीं हैं किसानों के

ट्रैक्टर की बैट्रियां, कभी मांगा जाता है गांव वालों से चंदा

नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर। शोहरतगढ़ तहसील के बोहली पावर हाउस का अजीबो गरीब कारनामा प्रकाश में आया है। नेपाल सरहद के करीब ग्राम बोहली में बने इस पावर हाउस से आये दिन बिजली आपूति ठप होने की खबरें मिलती रहती है। मरम्मत के अभाव में पावर हाउस कई दिनों तक ठप रहता है तो गांवों की आपूर्ति भी ठप रहती है। जब क्षेत्र के लोग मिल जुल कर चंदे की रकम इक्ठ्ठा कर लेते हैं तब सूचना पाकर विद्युतकर्मी आते हैं और मरम्मत कर चले जाते हैं। लेकिन फिर जल्दी ही किसी न किसी गड़बडी से आपूर्ति ठप हो जाती है। निरंतर इसी खेल का चलते रहना इस पावर हाउस की नियति बन गई है।

चंदे से बिजली आपूर्ति की सच्चाई की खोजबीन के दौरान यह तथ्य सामने आया कि 33/11 केवीए की क्षमता वाले इस पावर हाउस की सभी बैट्रियां पूरी तरह बेकर हो चुकी हैं। ऐसे में जैसे ही सप्लाई शुरू की जाती है एकएक फ्यूज जल जाते हैं और सप्लाई ठप हो जाती है। ऐसे में विद्युत कर्मी गांवों के लोगों से चंदा मांग कर पुरानी बैटरी को ठीक कराते हैं, मगर मरम्मत के बाद वह फिर किसी दिन साथ छोड़ देती है। कभी कभी पैसे न इकट्टइ हो पाने पर कर्मी किसानों के ट्रैक्टर की बैट्री मांग कर लाते हैं और बिजली आपूर्ति शुरू कराते हैं।

इस बारे में विभाग के एक सूत्र ने बताया कि पावर हाउस के मेंटीनेंस के लिए विभाग से धन ही नहीं आवंटित होता है। पहले निर्मार्ण कार्यों के धन से कुछ पैसे डाइवर्ट कर मेंटीनेंस पर खर्च किया जाता था, परन्तु अब उस पर रोक लग जाने से यह भी नहीं हो पा रहा। सूत्र का कहना है कि यदि मात्र 80 हजार रुपये खर्च कर नई बैट्री की व्यवस्था कर दी जाये तो सारा समस्या का हल हो जाये।

८० हजार का बजट न होना दुखद- नर्वदेश्वर शुक्ल

बोहली पावर हाउस की स्थापना बोहली गांव के निवासी और ग्रमीण विदयुतीकरण के तत्कालीन चेयरमैन व दर्जा प्राप्त मंत्री नर्वदेश्वर शुक्ल ने 80 के दशक में कराया था। वे कहते है कि यह बेहद दुखद है कि मेंटीनेंस के लिए 80 हजार रुपये भी निगम के पास नहीं है और विभाग को पावर हाउस तक चंदे से चलाना पड़ रहा है। पावर हाउस से जुडे विद्युतकर्मी चाह कर भी कुछ नहीं कर पा रहे।

घनाभाव तो है हीए मरम्मत करा रहे हैं-अवर अभियंता

इस बारे में पावर हाउस के अवर अभियंता अवनीश मिश्र का कहना है कि यह समस्या है और मेंटीनेंस के लिए धन का भी अभाव है। उन्होंने बताया कि बढ़नी कस्बे में बैट्री की मरम्मत कराई जा रही है। उसके रिपेयर होते ही सप्लाई दे दी जायेगी। धनाभाव में इसके अलावा वे कर भी क्या सकते हैं?

 

 

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