चेले ने रची थी अपने गुरु व बसपा पूर्व जिलाध्यक्ष रमेश चमार के कत्ल की साजिश, दो पकड़े गये, शूटर भी राडार पर

April 9, 2016 4:50 PM0 commentsViews: 1605
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नजीर म लिक

एसपी अजय साहनी के पीछे खाडे मुल्जिम दिनेश गौतम अौर माेईद मनीहार साथ में एसओ ढेबारूवा इंद्रजीत यादव

एसपी अजय साहनी के पीछे खड़े मुल्जिम दिनेश गौतम अौर माेईद  मनिहार साथ में एसओ ढेबारूवा इंद्रजीत यादव

सिद्धार्थनगर। कपिलवस्तु पोस्ट अपनी पड़ताल में एक बार फिर सही साबित हुआ। सिद्धार्थनगर बसपा कि पूर्व जिलाध्यक्ष रमेश चमार के कतल की साजिश उनके पुराने शिष्य दिनेश गौतम ने अपने साथी मुईद मनिहार के साथ मिल कर रची थी। ढेबरुआ पुलिस ने आज दोनों को गिरफ्तार कर लिया। दोनों रमेश के गांव के ही हैं। इसके लिए उन्होंने दो लाख में भाड़े के शूटर बुलाये थे।

ढेबरुआ थानाध्यक्ष इन्द्रजीत यादव ने खजुरिया शर्की निवासी दिनेश गौतम और मुईद को गिरफ्तार किया। खबर है कि दिनेश और मुईद की रमेश चमार से जमीनी रंजिश थी। दिनेश कभी दिनेश का चेला होकर बसपा की राजनीति करता था।

बताते हैं कि पहले गुरु चेला साथ रह कर थाना कोर्ट कचहरी में लोगों की समस्याएं हल कराते थे। मगर समस्या हल कराने के एक मामले में गुरु चेला आमने सामने हो गये। उसके बाद रमेश चमार ने दिनेश की एक निजी जमीन पर शिकायत की तो दोनों की अनबन दुश्मनी में बदल गई।

बताया जाता है कि इसके बाद गुरु रमेश चमार और दिनेश गौतम में इन गई। इस बीच रमेश ने दिनेश की एक जमीन पर आपत्ति उठा दी। इसी दौरान मुईद का भी रमेश चमार से विवाद हो गया। इसके बाद मुईद और दिनेश ने मिल कर रमेश की हत्या का प्लान बनाया।

पुलिस अधीक्षक अजय कुमार साहनी ने आज दोपहर एक प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि बसपा नेता की हत्या के लिए दो लाख की सुपारी दी गई थी। जिसमें एडवांस के तौर पर दिनेश ने 30 और मुईद ने 50 हजार बतौर एडवांस दिये थे।

पिछले 31 मार्च को रमेश चमार को उनके गांव के करीब गोली मारी गई थी, जिसमें वह घायल होकर अभी तक लखनउ में भर्ती हैं। पुलिस ने दोनों मुलजिमों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। शूटरों के बारे में ख्याल है कि वह बलरामपुर के हैं।

एसपी ने कहा

इस प्रकरण में एसपी अजय कुमार साहनी ने बताया कि दोनों शूटरों की पहिचान कर ली गई है। वह पुलिस क राडार पर हैं। आने वाले दो तीन दिनों में उनको शिकंजे में ले लिया जायेगा। पुलिस उनकी लोकेशन के काफी करीब पहुच चुकी है।

बहुत विवादित थे रमेश चमार

जहां तक पीड़ित बसपा नेता रमेश का सवाल है, जिले में उन्हें विवादित छवि का माना जाता है। लोगों को एससी एसटी एक्ट की धमकी देकर दबाने के मामले में वह कई बार सुर्खियों में रहे हैं। यही कारण है कि उनके दुश्मनों की सूची बहुत लंबी है।

चुप हैं बसपा के लोग

रमेश चमार बसपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रहे हैं। इसके बावजूद उन पर जानलेवा हमले पर जिले के एक भी बसपाई ने अभी तक उनके समर्थन या हमदर्दी में कोई बयान नहीं दिया है। इससे साफ पता चलता कि विवादित होने की वजह से पार्टी की स्थानीय इकाई भी उने कटी कटी सी है।

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