लोकसभा क्षेत्र डुमरियागंज में सोशल वर्कर इरफान शाह चला रहे “बाहरी हटाओ” मुहिम
अजीत सिंह
“यूपी के सिद्धार्थनगर जिले में आगामी लोकसभा चुनाव में बाहर के जिले के किसी उम्मीदवार को स्वीकार न करने की मुहिम शुरू कर दी गई है। इस मुहिम के तहत पहले दलों को लोकसभा सीट से बाहर के किसी व्यक्ति को टिकट देने का विरोध होगा। और अगर बाहरी व्यक्ति को टिकट मिला तो उनका विरोध किया जायेगा। इस मुहिम को चलाने वाले है इरफान शाह, जो अभी सोशल मिडिया पर सक्रिय हैं, लेकिन वे अब इसे जमीन पर उतारने के लिए तैयारी कर रहे हैं।”
युवा इरफान शाह डुमरियागंज के बिथरिया गांव के निवासी हैं। वह मुम्बई में कारोबार करते हैं। मुहिम को चलाने के लिए वे मासांत तक गांव पहुंच रहे हैं, जहां वे इस मुहिम से लोगों को जोड़ने का काम करेंगे। सोशल मीडिया पर उनकी इस मुहिम को अच्छा खासा समर्थन भी मिल रहा है। उन्होंने कहा कि वह इस मुहिम को राजनीति से परे होकर चला रहे है।
कपिलवस्तु पोस्ट की इरफान शाह से हुई बातचीत के मुताबिक वे चाहते हैं कि इस सीट से किसी भी दल से कोई भी उम्मीदवार लड़े, वह इसी क्षेत्र का वासी हो। उनका तर्क है कि जब सांसद स्थानीय होगा तो इलाके के लोग उसे तलाश कर उस पर दबाव बनाने में कामयाब हो सकते हैं। लेकिन बाहर से आने वाले इस क्षेत्र में मनमानी करते हैं। उन पर प्रेशर बनाना कठिन होता है। हार जाने पर वह सीमा मुस्तफा और मोहसिना किदवई की तरह हार कर भाग जाजे हैं।
इरफान शाह का कहना है कि तकरीबन दस साल से यहां के सांसद पड़ोसी जिले के हैं। कोई मूलभूत परिवर्तन क्षेत्र में नहीं दिखा। वही टूटी सडकें, वही ठेके पट्टे की राजनीति, वही खटारा ट्रेनें। कुछ भी तो नहीं बदला, हां सांसद जी ने सियासी झंडा जरूर बदल कर दुबारा सत्ता का मजा जरूर ले लिया। उनका कहना है कि इस बार विपक्ष से भी बाहरी उम्मीदवार को टिकट मिलने के संकेत हैं। इसलिए बाहरी हटाओ आंदोल के अलावा कोई चारा नहीं।
अपने काम को कैसे अंजाम देंगे, इस सवाल पर इरफान शाह का कहना है कि अभी मै फेसबुक, ह्वाटस एप्प और फेसबुक और मोबाइल फोन के माध्यम से यह मुहिम चला रहा हूं। इसको तेज करने के लिए हम कई लोगों की टीम अप्रैल के अंत तक डुमरियागंज पहूंचेगी तब इसे जमीनी शक्ल देकर तेज किया जायेगा। उन्होंने नारा दिया कि डुमरियागंज को सियासी चरागाह बनने से बचाना है तो बाहरी लोगों को चुनाव में हराना है।