प्रशासन ने कहा- सीसीए के तहत किसी की नागरिकता छीनने का अधिकार नहीं

December 27, 2019 12:27 PM0 commentsViews: 297
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— जनता बोली लेकिन एनआरसी में तो नागरिकता छिनने का खतरा बरकरार है  

निजाम अंसारी

शोहरतगढ़, सिद्धार्थनगर। उपनगर शोहरतगढ़ में नागरिकों की एक बैठक में प्रशासन के जिम्मेदारों ने सीसीए अर्थात नागरिकता संशोधन विधेयक के बारे में जानकारी तथा लोगों से इस  मुद्दे पर अनावश्यक भगम न फैलाने की अपील किया। अफसरों ने कि नये कनून के तहत किसी की भी नागरिकता रद्द नहीं होगी।

 

 

थाना शोहरतगढ़ परिसर में आयोजित नागरिकों की बैठक में एसडीएम अनिल कुमार

ने कहा कि शोहरतगढ़ तहसील क्षेत्र में अफवाहों पर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया गया जिससे अराजकता फैलाने वालों के मंसूबों पर पानी फिर गया जो सराहनीय रहा। उन्होंने बताया कि नागरिकता संसोधन अधिनियम 2019 (सीएए) में लोगों को नागरिकता दिया जाने का कानून है, किसी की नागरिकता छीनने का अधिकार इस कानून में नहीं है। इस कानून से भारत के अल्पसंख्यकों विशेषकर मुसलमानों का कोई अहित नहीं है।

उन्हेंने कहा कि यह कानून किसी भी भारतीय हिंदू, मुसलमान आदि को प्रभावित नहीं करेगा। इस कानून के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न के कारण वहां से भारत आये हिन्दू,ईसाई, सिख,पारसी,जैन,बौद्ध धर्म को मानने वाले शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दी जाएगी, जो दिसम्बर 2014 से पूर्व ही भारत मे राह रहे हों तथा जो केवल उक्त तीनों देशों से धर्म के आधार पर प्रताड़ित किये गए हों।

 

उन्होंने कहा कि अबतक देश की नागरिकता पाने के लिए 11 वर्षों तक भारत मे रहना अनिवार्य था।यह कानून केवल उन लोगों के लिए है, जिन्होंने वर्षों से बाहर उत्पीड़न का सामना किया और उनके पास भारत आने के अलावा और कोई जगह नहीं है। बैठक में  थानाध्यक्ष राम आशीष यादव,जामा मस्जिद के इमाम मौलाना अब्दुल्लाह आरिफ, अल्ताफ हुसेन,प्रधान प्रतिनिधि अबुसहमा, ग्राम प्रधान इफ्तेखार,इजहार हुसेन,मुस्ताक उर्फ गुड्डू आदि मौजूद रहे।

 

एनआरसी में तो नागरिकता जाने की पूरी व्यवस्था है

बैठक समाप्त होने के बाद  कुछ नागरिक यह भी कहते सुने गये कि भारत के जो मुस्लिम नागरिक अपनी नागरिकता का प्रमाणपत्र नहीं दे सकेंगे, एनआरसी के तहत भारतीय होने के बावजूद धुसपैठिये घोषित हो जाएंगे। इसलिए असली खतरा सीसीए नही एनआरसी है। जिसके बारे में प्रशासन कोई स्पष्टीकरण नहीं दे पा रहा है बेहतर होता कि प्रशासन इस बारे में नोगों को भरोसा दिलाता। इसलिए यदि सीसीए एक समुदाय को नागरिकता देने का कनून है तो एनआरसी दूसरे समुदाय की नागकिता लेने का षडयंत्र है।

 

 

 

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