चपरासी के बेटे नूरुल हसन कैसे बने आईपीएस, कैसे मिली पुलिस की वर्दी

December 26, 2017 4:18 PM0 commentsViews: 1584
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संवाददाता

        

लखनऊ। एक समय था जब पीलीभीत जिले के छोटे से गांव हरियापुर उत्तर प्रदेश के रहने वाले नुरुल हसन न्यूज पेपर पढ़ने के लिए ढाबे का चक्कर काटते थे। गरीबी की वजह से उनके घर पर न्यूज पेपर नहीं आता था, लेकिन नुरुल हसन को पढ़ने- लिखने का जुनून था। उन्हें ज्यादा से ज्यादा नॉलेज गेन करने का शौक था। आज वही नुरुल हसन न्यूज पेपर्स की सुर्खियां बटोर रहे हैं। उन्होंने यूपीएससी में ऑल इंडिया 625 रैंक हासिल की है। वे ओबीसी कैटेगरी की नॉन क्रिमीलेयर में आते हैं। उन्होंने आईपीएस के लिए क्वालीफाई कर लिया है.

 नुरुल हसन का बचपन बेहद ही गरीबी में बीता, लेकिन उनकी मेहनत कभी संसाधनों का मोहताज नहीं रही। मूल रूप से पीलीभीत के रहने वाले नुरुल हसन के पिता शमशुल हसन पीलीभीत कचेहरी में चुतर्थ श्रेणी कर्मचारी थे। वे तीन भाई हैं। उनके पिता की इतनी आमदनी भी नहीं थी कि वे अपने तीनों बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में अच्छी शिक्षा दिला सकें।

नुरुल हसन ने अपनी 8वीं तक की पढ़ाई ब्लॉक अमरिया के गांव हररायपुर स्थित जिल्हा परिषद विद्यालय से की। इसके बाद सरकारी स्कूल से हाईस्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद वे अपने परिवार के साथ बरेली आ गए। उनके पिता का ट्रांसफर बरेली की कचेहरी में हो गया। नुरुल ने इंटर एमबी इंटर कॉलेज से किया। संसाधनों की भारी कमी के बावजूद वे थ्रू आउट टॉपर रहे.

नुरुल हसन ने जो मुकाम आज हसिल किया है, उस सफलता का एक ही मंत्र है कड़ी मेहनत। इंटर के बाद उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से बी. टेक. किया। उसके बाद एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करने के बाद भाभा अटॉमिक रिसर्च सेंटर के नरोरा स्थित डिपार्टमेंट ऑफ अटॉमिक इनर्जी में बतौर साइंटिस्ट नियुक्त हुए। उन्होंने बड़े ही संघर्षो के साथ यह मुकाम हासिल किया।

नुरुल हसन बताते हैं कि जब वे बरेली आए थे तो एजाज नगर गोटिया के मलिन बस्ती में एक छोटे से किराए के कमरे में परिवार के साथ रहते थे। उन्हें सिर्फ पढ़ाई का ही जुनून सवार था। दिन- रात केवल पढ़ाई ही करते थे। यहां तक कि उनके मकान मालिक केवल इसलिए रात में पढ़ाई करने से टोकने लगे कि बिजली का बिल ज्यादा आएगा, लेकिन नुरुल हसन के लक्ष्य के आगे कोई भी संसाधन आड़े नहीं आया।

नुरुल हसन केवल अपना ही लक्ष्य साध रखा था बल्कि अपने परिवार का सहारा भी बनना चाहते थे। बीटेक करने के बाद उन्होंने अपने दोनों भाइयों की पढ़ाई का जिम्मा भी अपने हाथ ले लिया। उनके एक भाई जहीरुल हसन ने अभी एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की है। वहीं दूसरे भाई वसी हसन ने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब कर रहे हैं। आज नुरुल के इस कामयाबी पर न केवल पूरे परिवार में खुशी की लहर है बल्कि उनके माता- पिता का सीना भी फख्र से चौड़ा हो गया है.

 

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