पूर्व विधायक अमर सिंह ने बसपा के नाम पर खरीदा पर्चा, क्या हैं उसके सियासी मायने?

April 30, 2024 12:40 PM0 commentsViews: 1578
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नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर। शोहरतगढ़ के पूर्व विधायक चौधरी अमर सिंह ने सोमवार को नामांकन पत्र खरीद लिया। यह प्रपत्र उन्होंने बहुजन समाज पार्टी के संभावित उम्मीदवार की हैसियत से खरीदा है। जबकि बहुजन समाज पार्टी ने अधिकृत तौर पर ख्वाजा शमसुद्दीन को अपना प्रत्याशी घोषित कर रखा है। इन सबके बावजूद अमर सिंह का बसपा से टिकट खरीदना इस बात का संकेत है कि बसपा के अंदरखाने में टिकट बदले जाने की खिचड़ी भी पक रही है। तो क्या अतिम क्षणों में बसपा से अमर सिंह को टिकट मिल सकता है या फिर ख्वाजा शमसुद्दीन ही बसपा के अधिकृत उम्मीदवार बनें रहेंगे।

गौरतलब है कि नामांकन के पहले दिन सोममार को अमर सिंह  की तरफ से बहुजन समाज पार्टी के नाम से दो सेट नामांकन पत्र खरीदे गये। जबकि बसपा से ही ख्वाजा शमसुद्दीन ने भी उसी समय पर्चा खरीदा। ख्वाजा शमसुद्दीन बसपा के फिलहाल डुमरियागंज संसदीय क्षेत्र के घोषित प्रत्याशी है। इसके बावजूद भी अमर सिंह ने बसपा के नाम से पर्चे की खरीद की। इससे राजनीतिक विश्लेषकों के बीच सवाल उठने लगे कि क्या बसपा और अमर सिंह के बीच कोई नई डील चल रही है। क्या ख्वाजा शमसुद्दीन की जगह अमर सिंह बसपा के प्रत्याशी बनेंगे।

सूत्र बताते हैं कि अमर सिंह पिछले सप्ताह से लखनऊ में डेरा डाले हुए हैं। कई बार वह बसपा से  टिकट पाने के करीब पहुंचे भी, मगर सिद्धार्थनगर के एक पक्के राजनीतिक खिलाड़ी ने ऐसा दांव मारा कि टिकट उनके हाथ आते आते फिसल गया। सूत्र बताते हैं कि बसपा ने जब भी अमर सिंह को टिकट देने का मन बनाया, उसी राजनीतिक खिलाड़ी द्धारा बसपा के कुछ प्रभावशाली नेताओं को भेंट पूजा चढ़ा कर टिकट को ख्वाजा शमसुद्दीन के नाम बहाल करवा दिया गया। लेकिन अमर सिंह का खेमा भी कम जीवट का नहीं है। वह किसी भी कीमत पर बसपा का टिकट हासिल करने के लिए अभी तक राजधानी में डटा हुआ है।

अमर सिंह के समर्थकों का कहना है कि उनके नेता अंतिम क्षणों में बसपा का टिकट लेकर ही लौटेंगे और उस राजनीतिक खिलाड़ी को सबक सिखा देंगे। इधर सूत्रों का कहना है कि समय बीतने के साथ पूर्व विधायक अमर सिंह के टिकट पाने की उम्मीदें भी क्षीण होती जा रही है। लेकिन यह भी सच है कि राजनीति में अतिम क्षणों में कुछ भी हो सकता है और अभी तो सिम्बल (फार्म बी) मिलने में 6 दिन का समय है। ऐसे में राजनीतिक धमाका सुनने के लिए भी तैयार रहना होगा।

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