सपा ने क्या नहीं दिया, फिर भी साइकिल छोड़ भगवा रंग में नहाये चिनकू यादव
अखिलेश यादव ने चिनकू यादव को क्या क्या नहीं दिया, मगर वह जरूरत के समय
अपने नेता का साथ छोड़ बैठे, देखना है कि अब वे भाजपा में क्या हासिल कर पाते हैं
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के अत्यंत करीबी होने का दावा करने वाले वाले स्थानीय सपा नेता राम कुमार उर्फ चिनकू यादव ने कई दिनों की कशमकश के बाद आखिर भाजपा ज्वाइन कर ही लिया। प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष चौधरी भूपेन्द्र सिंह आज उन्हें भाजपा का गमछा पहना कर उन्हें विधिवत भजपा में शामिल करने का एलान कर दिया।
आज यानी बुधवार 15 मई को चिनकू यादव सुबह भाजपा के प्रदेश कार्यालय पहुंचे, जहां भाजपा की प्रदेश उपाध्यक्ष श्रीमती कांता कर्दम आदि ने उनका स्वागत किया। इसके बाद लगभग 12 बजे प्रदेश अध्यक्ष् चौधरी भूपेन्द्र सिंह ने भाजपा का फटका और फूल माला पहना कर उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। चिनकू यादव के साथ उनकी पत्नी व पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष पूजा यादव व पूर्व जिपंअ गरीबदास भी शामिल हुए। चिनकू यादव ने पार्टी के प्रति निष्ठा से काम करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
चिनकू यादव के भाजपा में शामिल होने पर सिद्धार्थनगर के भाजपा नेता तो खुश हुए ही होंगे इसी के साथ जिले के सपाई भी प्रसन्न देखे जा रहे हैं। सपाइयों का कहना है कि जो आदमी अपने चुनाव को छोड़ कर शेष समय सपा के विरोध में ही रहता हो, उसके भाजपा में जाने से सपा को कोई हानि न होगी। याद रहे कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पूर्व मंत्री कमाल यूसुफ मलिक का टिकट काट कर चिनकू यादव को राजनीति में स्थापित किया था। उन्हें दो बार विधानसभा का टिकट भी दिया मगर वह दोनों बार हार गये।
इसके बाद अखिलेश यादव के कार्यकाल में वह अपनी पत्नी व निजी ड्राइवर गरीबदास को क्रमशः जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वचित कराने में सफल हुए। ब्लाक प्रमुख, बीडीसी व ग्राम प्रधान पद भी उस दौर में उन्होंने अपने घर में रखा। मगर सपाइयों के आरोप के अनुसार जब जब वे सपा के टिकट की दौड़ से बाहर हुए, उन्होंने पार्टी का विरोध ही किया। जबकि पार्टी ने अपनी सरकार के कार्यकाल में उन्हें वह सब कुछ दिया, जिसकी वे कल्पना भी नहीं कर सकते थे। सपाइयों का मत है कि उनके पार्टी त्याग से जिले के सपाईयों में एकजुटता बढ़ेगी। अब देखना है कि वे भाजपा में जाकर क्या हासिल कर सकते हैं।