दीपावलीः रंग बिरंगी झालरों की चुनरिया ओढ़ कर दूल्हन बन गया सिद्धार्थनगर

November 11, 2015 9:52 PM0 commentsViews: 180
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नजीर मलिक

deepak

हमें अदाएं दिवाली की जोर भाती हैं ।
कि लाखों झमकें हर इक घर में जगमगाती हैं ।।
चिराग जलते हैं और लौएं झिलमिलाती हैं ।
मकां.मकां में बहारें ही झमझमाती हैं।।

जनकवि नजीर अकबराबादी के इन शब्दों की तरह ही बुधवार की शाम दीवाली पर समूचा सिद्धार्थनगर जिला रोशनी से जगमगा उठा। रंग बिरंगी झालरों की चुनरिया ओढ़े दीवारें दमकती रहींए तो घरों पर झूलते बंदनवार और द्वार पर रंगोली दिवाली की चमक बढ़ाती रही। शहर की दुकानें और घरों के कोने कोने रोशन हो गए।

सांझ ढलते ही दीपोत्सव की खुशियां आतिशबाजी के रूप में नजर आने लगीं। दिवाली पर रात के जवान होने के साथ पूरा जिला मां लक्ष्मी के आगमन के लिए पलक पांवड़े बिछाकर इंतजार करने लगा।

दिवाली पर मां लक्ष्मी कमल के फूल पर विराजमान हुईं। सिद्धार्थ चौक रेलवे क्रासिंग पर कमल के फूल के साथ मां लक्ष्मी की मूर्तियों की खरीद केलिए लोगों में होड मची रही। दिवाली का पूजन मिठाई के साथ खीलए खिलौनों और गट्टों से होता है।

दिवाली पर पूजन के लिए मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मिट्टीए चांदी आदि की मूर्तियों के साथ खील खिलौने और गट्टा जरूरी है। इस साल भी खील और खिलौने का भाव 60 रुपये किग्रा पर है। गट्टे बाजार में कम ही दिखे।

सिद्धार्थनगर ही नहीं जिले के डुमरियागंज, बांसी, शोहरतढ, बढनी,  बर्डपुर, उस्का बाजार आदि कस्बों में भी देर रात तक मेले का माहौल रहा। पटाखों के बीच मां लक्ष्मी की पूजा के लिए व्यापरी पंडित के लिए बेचैन होते रहे। तो जुआरी अपने अपने अडृडों पर शाम से ही डट गये।

दीपावली के अवसर सांसद जगम्बिका पाल, जिलाधिकारी डा सुरेन्द्र कुमार, एसपी अजय कुमार साहनी ने जिले वासियों को मुबारकबाद दिया है।

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