exclusive– डुमरियागंज सीट पर गठबंधन का सस्पेंस बरकार, कौन बनेगा उम्मीदवार
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। डुमरियागंज सीट पर सपा कांग्रेस के गठबंधन का सस्पेंस अभी कायम है।पीस पार्टी और सपा के बीच गठबंधन को लेकर चलने वाली बात अभी खत्म होने को हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या पूर्व में विधायक कमाल यूसुफ को दिया गया टिकट बहाल रहेगा या उसे बदल कर सपा के चिनकू यादव या कांग्रेस के सच्चिदानंद पांडेय को दिया जायेगा।
सूत्रों की माने तो समाजवादी पार्टी अन्ततः मलिक कमाल यूसुफ पर ही अपना दांव लगायेगी। सपा के एक बड़े नेता अखिलेश यादव को यह समझाने में लगभग कामयाब हैं, कि बस्ती मंडल में एक भी मुस्लिम प्रत्याशी नहीं है। ऐसे में इस मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में हम मुसलमानों के पास किस हैसियत से वोट के लिए जायेंगे।
खबर है कि अखिलेश यादव ने इसे गंभीरता से लिया है। गाजीपुर मुख्तार अंसारी को टिकट न देना, अखिलेश कैबिनेट में मंत्री रहीं मऊ की शादाब फातिमा जैसी धाकड़ नेता का टिकट काटना और संतकबीरनगर से कलाम जैसे नेता को टिकट न देने के बाद आखिरी मुस्लिम चेहरे मलिक कमाल यूसुफ का भी टिकट काट देने से होने वाले खतरे से लोग अखिलेश यादव को परिचित करा रहे हैं। कमाल का टिकट कटने पर माता प्रसाद पांडेय की सीट पर असर पड़ेगा, यह भी सीएम को बताया जा रहा है।
कांग्रेस का दांव
हालांकि कांग्रेस से हुए समझौते में इस जिले में कांग्रेस के लिए कोई सीट आरक्षित नहीं है, लेकिन बस्ती कांग्रेस को दी गई एक सीट पर सपा द्धारा उम्मीदवार उतार देने से कांग्रेस के लोग डुमरियागंज सीट पर अपने लिए बना रहे हैं। बताते हैं कि इसके लिए कांग्रेस के एक स्थानीय नेता और पूर्व सांसद मोहम्मद मुकीम काफी सक्रिय हैं।
अशोक सिंह का भविष्य
हालांकि पीस पार्टी और सपा के बीच समझौते की बात आखिरीसांस ले चुकी है, लेकिन अगर उम्मीद के खिलाफ यह समझौता हो जाता है तो अशोक सिंह यकीनन यहां के तगड़े प्रतिद्धदंी साबित होंगे, लेकिन अब इसके आसार नही दिखते। अब अशोक सिंह को सिर्फ पीस पार्टी के बूते ही लड़ना होगा।
चिनकू यादव का गणित
डुमरियांगंज के सपा नेता राम कुमार उर्फ चिनकू यादव इस उठापटक में सबसे अधिक आशान्वित हैं। वह यह मान कर चल रहे हैं कि कमाल यूसुफ के टिकट की घोषणा रोको का मतलब है कि अखिलेश भइया अंत में उनके नाम की घोषणा करेंगे। इस आशय के स्टेटमेंट उनके और उनकेस मर्थकों के एफबी स्टेटस पर देखे जा रहे हैं। अब यह बात कितनी ठोस है, यह नहीं कहा जा सकता, लेकिन इतनाकहा जा सकता है कि एक बेहद शक्तिशाली नेता उनके विरोध में हैं। अब अखिलेश यादव उनकी बात काट कर चिंनकू यादव को टिकट देते हैं तो यह बहुत महत्वपूर्ण होगा।
कुल मिला कर डुमरियागंज सीट पर सस्पेंस बरकरार है। कुछ तो पेचीदगी है जिससे कमाल यूसुफ का टिकट आखिरी वक्त में रोका गया। इंतजार कीजिए कल शाम या रविवार तक स्थिति साफ होगी। सब कुछ निर्भर है अखिलेश यादव पर। उन्हीं का फैसला अंतिम होगा, बाकी ख्याली पुलाव कोई भी पका सकता है।