डुमरियागंजः अविश्वास पर चर्चा सोमवार को, सपा व भाजपा की प्रतिष्ठा दांव पर

September 10, 2017 1:24 PM0 commentsViews: 1113
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––– अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान बीडीसी को गैरहाजिर करा कर कोरम पूरा नहीं होने देने की रणनीति

नजीर मलिक

 

सिद्धार्थनगर। डुमरियागंज ब्लाक प्रमुख मिठ्ठू यादव के खिलाफ पेश हुए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा कल होगी। घड़ी की सूइयां उलटी चल चुकी हैं। इस सियासी माहाभारत में सपा एक तरफ अकेली खड़ी है तो दूसरी एक ओर कई क्षत्रपों का संघ है। फिर भी सपा खेमा अपने यदुवंशी की लीडरशिप में जोश से भरा हुआ है, जबकि विरोध में खड़े क्षत्रपों के माथे की शिकन साफ पढी जा सकती है।

डुमरियागंज में पिछले दो महीने से सपा ब्लाक प्रमुख  की घेरेबंदी चल रही है। सपा खेमा साफ आरोप लगा रहा है कि भाजपा ने सत्ता शासन के प्रभाव का इस्तामाल कर सपा नेता चिनकू यादव को काबू में करने की कोशिश की, मगर वह नाकायाब रहे। इस दौरान चिनकू यादव ने हाई कोर्ट से दो दो निर्देश लाकर न सिर्फ अपना कवच मजबूत किया वरन भाजपा खेमे में हलचल भी मचा दी।

बुधवार को डुमरियागंज ब्लाक परिसर में सीसीटीवी के सामने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होनी है। चर्चा में भाग के लिए कुल सदस्य संख्या 141  के आधे की उपस्थिति  अनिवार्य है। जहां चिनकू यादव खेमा आधे से अधिक सदस्य को बैठक से अनुपस्थिति रखने की रणनीति पर अमल कर रहा है, वहीं भाजपा के नरेन्द्र मणि का खेमा कम से कम 72 सदस्य को चर्चा में भाग लेने की रणनीति पर अमल कर रहा है। प्रमुख मिठ्ठू यादव सपा नेता चिनकू यादव के पिता हैं तो अविश्वास प्रस्ताव की लीडर श्रीमती मानती त्रिपाठी पूर्व भाजपा अध्यक्ष नरेन्द्र मणि त्रिपाठी की बहू हैं।

अब सवाल है कि कल क्या हो सकता है।  जानकार सूत्रों का कहना है कि डुमरियागंज ब्लाक के 141 बीडीसी सदस्यों में अविश्वास प्रस्ताव पारित कराने के लिए कुल 71  सदस्यों की आवश्यकता है। भाजपा खेमे का मानना है कि वह इसे पूरा कर लेंगे। लेकिन सच्चाई यह है कि  इस वक्त डुमरियागंज ब्लाक के 90 बीडीसी सदस्य  पिछले एक महीने से क्षेत्र से गायब है। इसके अलावा कई सदस्य मुम्बई आदि महानगरों में है। समझा जाता है कि पलायित 90 बीडीसी सदस्य वही हैं जो फिलहाल सपा के साथ हैं।

बताया जाता है कि अगर यही 90 सदस्य कल की बैठक के दौरान गैरहाजिर रहते हैं तो इसे सपा की जीत मानी जाएगी। सपा खेमे की जो रणनीति है. उनके मुताबिक उन्हें अपने समर्थर्को को बैठक से दूर रख कर अविश्वास प्रस्ताव को पारित न होने देना है। सपा नेता अफसर रिजवी कहते हैं कि हम कोरम पूरा नहीं होने की रणनीति पर अमल कर रहे हैं। और हमारी रणनीति बिलकुल लीकप्रूफ है।

बहरहाल कल की चर्चा के दौरान बैठक कक्ष में सीसीटीवी निगरानी की निगरानी होगी। पूरे कार्यक्रम की विडियोग्राफी होगी। आने वाले बीडीसी पुलिस की सुरक्षा में होगें। ऐसे में अगर प्रषासन ने तनिक भी लापरवाही की तो वह हाईकोर्ट को जवाबदेह होगा। इन्हीं कारणों से सपा खेमे में उत्साह है। वैसे उत्साह का अर्थ जीत नहीं होता। इसके लिए सोमवार दोपहर तक प्रतीक्षा करनी पड़ेगी।

 

 

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