डुमरियागंजः करोड़ों के धान घोटाले का जिम्मेदार कौन,किसने बनाया एक परिवार के चार सदस्यों को सचिव, एक करोड़ के भुगतान पर रोक

January 19, 2021 12:23 PM0 commentsViews: 914
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नजीर मलिक

डेेमो फोटो

सिद्धार्थनगर। डुमरियागंज में धान खरीद घोटाला प्रकरण में फिलहाल 1.05 करोड़ रुपये के पर भुगतान पर रोक लगा दी गई है, जिसे दबाने के अनथक प्रयास भी हो रहे हैं, मगर यह सवाल बना हुअ हैकि इतने बड़े घोटाले का जिम्मेदार कौन है? इसी के साथ एक सवाल और है कि आखिर किसके प्रभाव से एक ही परिवार के चार सदस्यों को धान खरीद का सचिव बनाया गया? जानकारों का मानना है कि जब तक इन सवालों का जवाब सामने नहीं आता, करोड़ों का घोटाला करने के असली गनाहगार को सजा भी न दी जा सकेगी।

रोका गया एक करोड़ का भुगतान

जिला प्रशासन ने सात किसानों के बकाया भुगतान पर रोक लगा दी है। फर्जी खतौनी के आधार पर हुई धान खरीद का 78.624 लाख रुपया इन किसानों के खाते में भुगतान भी किया जा चुका है। बाकी 1.05 करोड़ रुपये भी भुगतान किए जाने की तैयारी चल रही थी कि घोटाले का पर्दाफाश हो गया। प्रभारी जिलाधिकारी ने एसडीएम डुमरियागंज को कारण बताओ नोटिस जारी किया जबकि अपर जिलाधिकारी‌ वित्त एवं राजस्व ने एसडीएम से स्पष्टीकरण तलब किया है।

फर्जी धान खरीद और एसडीएम की भूमिका

डुमरियागंज तहसील क्षेत्र के चार धान क्रय केंद्रों धनोहरी, हटवा,  और भरवठिया मुस्तहकम पर फर्जी खतौनी द्धारा सैकड़ों क्विंटल धान खरीद घोटाले की जानकारी एसडीएम डुमरियागंज त्रिभुवन को नहीं हो पाई। लेकिन आयुक्त खाद्य एवं रसद कार्यालय में इसे पकड़ लिया गया। आयुक्त कार्यालय से 11 जनवरी को पत्र जारी कर जांच कराने का निर्देश दिया गया। इसके बाद पता चलाकि सभी खतौनियों का सत्यापन एसडीएम त्रिभुवन की आई डी से किया गया है।

 जाहिर है कि इतनी बड़ी खरीद के प्रथम दृष्टया जिम्मेदार एसडीएम डुमरियागंज ही लगते हैं। क्योंकि खतौनी का सत्यापन उनके द्धारा ही हुआ बताया जा रहा है। दूसरी तरफ खतौनियों के सत्यापन जब एसडीएम भुवन की आई से होना पाया गया तो उन्होंने इससे इंकार करते हुए यह कह कर पल्ला झाड़ लियाकि उनकी आईडी हैक कर ली गई थी। सोचने की बात है कि किसी की आईडी हैक हो जाये, उससे कई दिनों तक फ्राड होता रहे और एक एकजिम्मेदार आफिसर हो उसे पता तक न चले, यह तो गहन जांच का विषय है।

संदेह की सूई किधर जाती दिख रही है

 इस मामले की जांच की जाए तो सारे षडयंत्र का सूत्रधार  क्षेत्र के एक ऐसे परिवार का नाम आता है, जिसके घर के कई सदस्य क्रय केन्द्र प्रभारी हैं। राजनीतिक संरक्षण में फल फूल रहे इसी परिवार की फर्जी खतौनियों द्धारा काफी धान की खरीद भी दिखाई गई है।जिसे एसडीएम की आईडी द्धारा सत्यापित किया गया है।लिहाजा एसडीएम और क्रय सचिव पर ही प्रथम दृष्टया संदेह जाता है। जांच में यह बात भी सामने आएगी कि इसे किस राजनीतिज्ञ का खुला संरक्षण मिल रहा है।

इस घोटाले के बारे में जानकारी देते हुए  प्रभारी जिलाधिकारी पुलकित गर्ग के ने बताया कि फत्तेपुर तप्पा करही में सात किसानों के धान सत्यापन में गड़बड़ी कर धान खरीद की गई। इन किसानों से 9831 क्विंटल धान खरीदा गया। मजे की बात है कि खतौनी में एक एक किसान को कई कई सौ बीधे खेत का सवामी बता कर करोड़ों की धन खरीद की गई। जिसका कुल भुगतान 1,83,64,308 रुपये किया जाना था। इसमें से 78,62,412 रुपये का भुगतान भी किया जा चुका है। ‌बकाया 1,05,01,896 रुपये का भुगतान रोक दिया गया है।

इस मामले में क्रय केंद्र प्रभारियों और राजस्व विभाग के सत्यापनकर्ता अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई किए जाने का आदेश भी आयुक्त खाद्य एवं रसद की ओर से जारी किया गया है। प्रभारी जिलाधिकारी पुलकित गर्ग ने बताया कि एसडीएम डुमरियागंज को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। धान क्रय केंद्र के नोडल अधिकारी, एडीएम सीताराम गुप्ता ने भी एसडीएम डुमरियागंज त्रिभुवन से स्पष्टीकरण तलब किया है।

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