पीस पार्टी के डा. अयूब को उनकी मांद में घेरेंगे ओवैसी, तफसीर को बनाया खलीलाबाद से उम्मीदवार

May 24, 2016 8:25 AM2 commentsViews: 1945
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नजीर मलिक

डा.अयूब और उनके मुकाबिल हाजी तफसीर खां (सबसे दाएं)

डा.अयूब और उनके मुकाबिल हाजी तफसीर खां (सबसे दाएं)

सिद्धार्थनगर। एमिम सुप्रीमो असदुद्दीन आवैसी ने पीस पाटी के अध्यक्ष डा. अयूब को उनकी मांद में ही घेरने का फैसला कर लिया है। उन्होंने संतकबीर नगर जिले की खलीलाबाद सीट से हाजी तफसीर अहमद को उम्मीदवार बना कर अपने इरादे साफ कर दिए हैं।

हाजी तफसीर खां यों तो महाराजगंज जिले के रहने वाले अच्छे बिजनेसमैन हैं, लेकिन उन्होंने कौम की खिदमत के लिए फुल टाइम पालिटिक्स करने की बात कही है। उन्होंने खलीलाबाद में अपना नेटवर्क बनाना शुरू कर दिया है।

पीस पार्टी के चेयरमैन और विधायक डा. अयूब खलीलाबाद से ही चुनाव लड़ेंगे, ऐसे में उनके मुकाबले में एआईएमआईएम द्धारा एक मजबूत उम्मीदवार उतारने से वहां चुनाव बेहद दिलचस्प होने की उम्मीद है।

सूत्र बताते हैं कि यूपी असेम्बली के चुनाव में पीस पार्टी और एमिम के बीच इस बात का मुकाबला होगा कि मुस्लिम वोट किसे अधिक मिलते हैं। इसी आधार पर आगे इस बात का फैसला भी होगा कि यहां दोनों दलों में से कौन आगे बढ़ेगा।

खबर है कि इसी मुद्दे को ध्यान में रख कर बैरिस्टर ओवैसी ने हाजी तफसीर को खलीलाबाद से उम्मीदवार बनाया है। उनका मानना है कि खलीलाबाद में डा. अयूब के खिलाफ एक तगड़ा उम्मीदवार उतार कर, उन्हें खलीलाबाद में इस तरह उलझा दिया जाये, कि वह प्रदेश के अन्य सीटों पर प्रचार कि लिए अधिक वक्त न दे सकें।

कपिलवस्तु पोस्ट से बातचीत में हाजी तफसीर ने बताया कि वह खलीलाबाद में पूरा वक्त दे रहे हैं। वह राजनीति के लिए नहीं बल्कि एमिम की राजनीति के जरिए कौम की खिदमत के लिए मैदान में आये हैं। इसलिए उन्हें कामयाबी जरूर मिलेगी। पूर्वांचल के एमिम प्रभारी हाजी अलीअहमद ने भी दावा किया है कि उनकी पार्टी खलीलाबाद सीट पर शानदार नतीजा देगी।

2 Comments

  • JAVED AHMAD

    Participate in UP election with alliances of Peace Party and congress party or BSP party otherwise MIM should have to ready for taking responsibility for bad presentations in UP 2017 election. Muslim will not be ready to give vote to MIM most of them are already decided to give SP.

  • काशिफ

    एक एलेक्शन यानी पांच साल ये लोग ये स्थापित करने में निकाल देना चाहते है कि आगे वर्चस्व किसका होगा ! पब्लिक गई तेल लेने!. मेरे ख्याल से दोनो को नकार कर मुस्लिम का तीसरा विकल्प मजबूत किया जाए.

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