डुमरियागंज में इस बार भी मुस्लिम नहीं ब्राह्मण वोटर तय करेगा राजनीतिक दिशा

February 15, 2017 1:44 PM0 commentsViews: 2352
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नजीर मलिक

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सिद्धार्थनगर। विधानसभा क्षेत्र डुमरियागंज में यों तो मुस्लिम मतों की तादाद ३७ फीसदी है, मगर हालात कुछ ऐसे बन रहे हैं कि वहां पर ब्राह्मण मतदाओं की खास भूमिका रहेगी। यह वोट जिधर जायेगा वह एकीनन एक मजबूत पक्ष बनेगा। लगता है गत चुनाव की तर्ज पर इस चुनाव में यही वोट निर्णायक बनेगा।

डुमरियांगंज विधानसभा सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या १ लाख ५८ हजार है। इन पर सपा, बसपा और पीस पार्टी की दावेदारी है। पीस पार्टी का अतीत में प्रदर्शन अच्छा रहा है, बावजूद इसके मुसलमानों का बड़ा हिस्सा सपा और बसपा में बंटता रहा है।

सपा, बसपा और पीस पार्टी के बीच मुस्लिम मतों के लिए जबरदस्त मारा मारी है। फिलहाल बदल राजनीतिक हालात में विधायक कामाल यूसफ के बसपा में चले जाने से मुसलमानों के बीच बसपा के बढ़त की संभानाएं बढ़ी हुई हैं, इसे कम करने के लिए सपा उम्मीदवार चिनकू यादव और पीस पार्टी के अशोक सिंह जी तोड़ मेहनत कर रहे हें, मगर बसपा की सैयदा का आत्मविश्वास मुस्लिम वोटों को लेकर बढ़ा हुआ है।

इन हालात में ब्राह्मण २०१२ के चुनाव की तरह एक बार फिर निर्णायक भूमिका में है। गत चुनाव में मुस्लिम वोट पीस पार्टी,सपा और बसपा में बंटे थे। अंतिम समय में ब्राह्मण समाज का बड़ा हिस्सा कमाल युसुफ के पक्ष में गया था, और वह चुनाव जीत गये थे। फिलहाल अभी ब्राहमण मतदाता मुखर नहीं हो रहा, इसलिए उसका समर्थन किसे मिलेगा, कहना कठिन है।

बता दें कि इस क्षेत्र में ब्रहमण मतों की तादाद लगभग १४ फीसदी अर्थात ६० हजार के आस पास है। क्षेत्र में उनका कोई सजातीय प्रत्याशी भी नहीं है। ऐसे में उनका कम से कम तीस हजार पोल मत किसी अन्य प्रत्याशी के लिए बहुत मायने रखता है। फिलहाल भाजपा के राघवेन्द्र सिंह, बसपा की सैयदा मलिक, सपा के चिनकू यादव व पीस पार्टी के अशोक सिंह की इस खस वोट बैंक पर गहरी नजर है, अब उनका समर्थन कौन पाययेगा, यह कुछ दिन बाद ही स्पष्ट हो सकेगा

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