देश का दिल टूटता है तो अमन की सरहदें कमजोर होती हैं- आफताब आलम

November 23, 2018 4:06 PM0 commentsViews: 281
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नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर। डुमरियागंज विधानसभा क्षेत्र में आयोजित कई जनसभाओं को सम्बोधित करते हुए बसपा के लोकसभा क्षेत्र प्रभारी/प्रत्याशी आफताब आलम ने कहा है कि जब भी देश का दिल टूटता है तो अमन की सरहदें कमजोर पड़ जाती हैं। वर्तमान सरकार में देश की जनता के दिल टूटते जा रहे हैं, लिहाजा समाज में शांति की सरहद पर खतरा बढ़ता जा रहा है। इससे पहले कि यह सरकार अराजक हो जाये, जनता पर अत्याचार बढ़ जाए, इनका तम्बू और बम्बू उखाड़ फेंकना होगा।  

शुक्रवार को डुमरियागंज के भारत भारी, बैदौला, माली मैनहा, शाहपुर, भग्गोभार में आयोजित करते हुए बसपा नेता ने कहा कि यह सरकार समाज को तोडने की ओर अग्रसर है। इसलिए बदलाव जरूरी है। उन्होंने ने कहा कि वर्तमान सरकार तले जनता हताश है। टूटे सपनों के साथ हजारों किसान मुम्बई और दिल्ली की सड़कों पर उतरते हैं, मगर उनकी उपज का लाभकारी मूल्य देने को कौन कहे, मोदी सरकार के कानों पर जूं नहीं रेंगता है। उल्टे पुलिस जुल्म बढ़ा दिया जाता है। छात्रों नौजवानों को हक मांगने पर लाठी गोली दी जाती है।

आफताब आलम ने कहा कि देश में सबसे ज्यादा नौजवानों का दिल टूटा हुआ है। मोदी जी ने उन्हें प्रति वर्ष दो करोड़ यानी 5 साल में 10 करोड़ नौकरियां देने के सपने दिखाये थे, लेकिन साढ़े चार साल में एक लाख लोगों को भी नौकरी नहीं दे सके। जबकि देश में 21 लाख नौकरियों के पद खाली पड़े हैं। इसी प्रकार छात्रों की शिक्षा महंगी करने के साथ सरकार ने बूढे, जवान, किसान, मजदूर, छोटे व्यापारी आदि सभी वर्गो का दिल तोड़ा है।      |

अंत में उन्होंने कहा कि जब करोड़ों लोगों के दिल टूट चुके हों, सेना के जवान, किसान युवा सभी के बीच निराशा का माहौल हो तो भला देश व समाज में शांति कैसे रहेगी आक्रोश में डूबे समाज को और दुखी कर समाज को पूर्णतया अराजक बनाने की ओर अग्रसर करना देश केसाथ धोखा है और मोदी जी समाज की शांति पर हथौड़ा मार कर यह धोखा सरे आम कर रहे हैं।  इसलिए हमारी सामाजिक उल्झनें बढ़े, किसान गरीबी और युवा रोजगार को लेकर और बिलबिलाये, इससे पहले इस सरकार को हटाना होगा।

कार्यक्रम के दौरान आफताब आलम ने आसपास के घाटों पर पहुंच लोगों से मुलाकात की और कार्तिक पूर्णिमा के श्रद्धालुओं को पर्व की बधाई भी दी। इन सभाओं में उनके साथ बसपा नेता सुहेल फारुखी पूर्व प्रमुख डुमरियागंज, जफ़र अहमद चेयरमैन डुमरियागंज, दिनेश चन्द्र गौतम, शमीम अहमद, पी.आर. आजाद, रामकृपाल मौर्य, राममिलन भारती, इन्द्रजीत, रजीत गौतम, शम्स तबरेज़, राम किशोर, विजयपाल आदि शामिल रहे |

 

 

 

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