बिगौआ नाले के पास एक परिवार के चार लोगों की डूब कर मौत, एसओ व एसडीएम का घटना को छिपाने की कोशिश

October 12, 2022 2:18 PM0 commentsViews: 795
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नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर। बढ़नी-मार्ग पर  पर बिगौआ नाले के पास स्उक पार करते समय एक परिवार के चार सदस्य पानी के तेज धार में बह गये।जिनमें पति, पत्नी और दो मासूम शामिल हैं। प्रशासन शुरू से ही इस दर्दनाक हादसे को छिपाने में संलग्न रहा। देर रात तक क्षेत्र के थानाध्यक्ष अJर एसडीएम इस घटना कोछिपाने की पूरी कशिश करते रहे। मडिया कर्मियों के लगातर पूछने पर आखिर रात लगभग 1.30 बजे पलिस अधीक्षक ने घटना की पुष्टि की। चारों मृतकों के शवों की तलाश जारी है।

खबर के मुताबिक शोहरतगढ तहसील क्षेत्र के इटवा-बढ़नी मार्ग पर बिगौवा नाले के पास मंगलवार  की शाम करीब साढ़े पांच बजे जिले के ग्राम पचपेडवां थाना कठेला, निवासी रिक्शा चालक नरेन्द्र पुत्र सुदामा अपनी पत्नी व दो बेटियों के साथ बाढ़ के पानी में बह गया। प्रशासन देर रात तक इस मामले को छुपाने में जुटा रहा। एसडीएम शोहरतगढ़ उत्कर्ष श्रीवास्तव यह दावा करते रहे कि उन्होंने रिक्शा चालक, महिला व बालिकाओं की पूरी डिटेल मंगा ली है। वह पूरी तरह सुरक्षित हैं। पुलिस अधीक्षक ने भी इस मामले को शुरुआत में को टालने की कोशिश की  बाद में रात करीब 1.30 बजे उन्होंने परिवार के सभी चार सदस्यों के पानी में बह कर मारे जाने की पुष्टि किया। ।

प्राप्त  विवरण के अनुसार 32 वर्षीय नरेन्द्र अपने रिक्शे से ही परिवार के साथ सोमवार को नेपाल के कर्मा गांव में एक रिश्तेदार के अंतिम संस्कार में शामिल होने गया था। मंगलवार की शाम को नरेन्द्र अपनी पत्नी राजमती व दो वर्षीया बेटी अनामिका व एक वर्षीया बेटी अनुष्का को लेकर अपने घर जा रहा था। इस दौरान बढ़नी-इटवा मार्ग पर पानी चढ़ गया था। बिगौवा नाले के पास सड़क पर आर-पार तेज धारा बह रही थी। वहां सड़क अपेक्षाकृत कूछ नीची भी है,इसलिए पानी की धार कुछ ज्यादा ही तेज थी।

प्रत्यक्ष दर्शियों के अनुसार वहां मौजूद कुछ ग्रामीणों ने सड़क पर बाढ़ का पानी होने के कारण उसे रोका भी, लेकिन नरेन्द्र ने किसी की नहीं सुनी। उसने यही बताया कि कुछ देर पहले वह इसी रास्ते आया है। अभी थोड़ी देर में उस पार चला जाएगा, लेकिन थोड़ी दूर आगे जाने पर वह परिवार समेत बाढ़ के पानी में बह गया। इस दौरान कुछ लोगों ने रिक्शे से उनके जाने का वीडियो फुटेज भी तैयार किया था। इसे वायरल भी जमकर किया।

मामले को  छिपाने में लगे रहे एसडीएम और थानाध्यक्ष  

मामले पर गंभीरता अपनाने के बजाय प्रशासन व पुलिस की टीम इसे दबाने में जुटी रही। लोगों कहा है कि इसकी प्रमुख वजह रही कि इससे उनके जिम्मेदारियों की पोल खुल जाती। ढेबरुआ थानाध्यक्ष हरिओम कुशवाहा ने मामले को पूरी तरह से झूठा बताया। उन्होंने कहा कि वह घटनास्थल पर मौजूद थे, वहां कोई व्यक्ति नहीं डूबा है।

जिलाधिकारी ने लिया घटनास्थल का जायजा

घटना की पुष्टि होने के बाद बुधवार सुबह करीब साढ़े 10 बजे जिलाधिकारी संजीव रंजन खुद मौके पर पहुंचे। उन्होंने रिक्शा चालक के पिता से मुलाकात भी की। रिक्शा चालक नरेन्द्र, उनकी पत्नी राजमती व उनकी बेटियों को ढूंढने के लिए मौके पर गोताखोरों की टीम लगाई है। टीम उन्हें ढूंढने में जुटी हुई है। अभी तक पीड़ित परिवार को किसी प्रकार की सहायता की घोषणा नहीं हुई है।

 

 

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