फर्जी नम्बर प्लेट वाली बोलेरो से चल रहे थे डुमरियागंज के खंड शिक्षाधिकारी

June 9, 2022 1:13 PM0 commentsViews: 437
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डुमरियागंज पुलिस ने पकड़ी बोलेरो गाड़ी, मगर कागज में दर्ज किया कि चेकिंग के दौरान ड्राइवर के भागने से लावारिस पाई गई

डुमरियागंज पुलिस तफ्तीश में जुटी, मगर अनेक प्रभावशाली लोग असली मुलजिम को बचाने में जुटे, लोगों की निगाहें अब एसपी पर

नजीर मलिक

फोटों… बोलेरो की अनुकृति

सिद्धार्थनगर। फर्जी नम्बर प्लेट के सहारे चलाई जा रही जिस बोलेरो को डुमरियागंज पुलिस ने पकड़ा है उस पर डुमरियागंज के खंड शिक्षा अधिकारी डुमरियागंज चलते थे। यह वाहन उनके पास काफी दिनों से था, जिसे वे निर्भय होकर चला रहे थे। उन्होंने शायद इसकी कल्पना भी न की होगी कि एक शिक्षाधिकारी की गाड़ी भी पकड़ी जा सकती है। हालांकि खंड शिक्षाधिकारी इस घटना से इंकार करते हैं। लेकिन कोई उनके इंकार को सच नहीं मान रहा है।

बरामदगी कहीं और दिखाया कहीं और

डुमरियागंज पुलिस द्वारा पकडी गई बोलेरो पर जो नम्बर प्लेट अंकित है वह बस्ती जिले के पुलिस लाइन्स निवासी मधुसूदन मिश्र की दोपहिया के नाम एलाट है। यही नहीं पकड़ी गई बोलेरों का इंजन नम्बर और चेसिस नम्बर के भी टेम्परिंग होने की आशंका जताई जा रही है। डुमरियागंज पुलिस के मुताबिक यह वाहन बैदौलागढ़ में वाहन चेकिंग दौरान उस समय बरामद हुआ जब वाहन चेकिंग देख वाहन चालक गांड़ी छोड़ कर भाग गया फलतः बोलेरों लावारिस हालत में बरामद हुई, मगर  कुछ सूत्र बताते हैं कि गाड़ी खंड शिक्षाधिकारी के पास से बरामद की गई। बाद में पता चला कि इसके पीछे शिक्षाधिकारी कुंवर विक्रम पांडेय को बचाने की रणनीति थी।

बरामद बोलेरो बीईओ की बताई जा रही- डा. यशवीर सिंह एस.पी.

हालांकि इस बोलेरो की बरामदगी के बाद खंड शिक्षा अधिकारी को बचाने की पूरी कशिश की गई और शुरू में गांड़ी की बरामदगी लावारिस बता कर शिक्षाधिकारी के बच निकलने की गुंजाइश निकाली गई, मगर सिद्धार्थनगर के एसपी के ईमानदार रवैये के कारण यह बात मीडिया से स्पष्ट कर दी गई कि बरामद बोलेरो खंड शिक्षाधिकारी की बताई जा रही है। यही नहीं एसपी डा. यशवीर सिंह ने इस प्रकरण में धारा 420 सहित अन्य कई धाराओं के तहत मुकदमा लिखे जाने की बात भी कही है।

मगर यहां भी एक पेंच खड़ा हो गया है। चूंकि डुमरियागंज पुलिस ने बोलेरो की बरामदगी लावारिश दिखाई है, इसलिए मुकदमा अज्ञात के खिलाफ दर्ज है। लकिन एसपी द्वारा बोलेरो के खंड शिक्षा अधिकारी के होने की आशंका और जिले के कुछ मीडिया कर्मियों की खोजपूर्ण रिपोर्टों ने इतना तो कर ही दिया है कि दौराने तफ्तीश खंड शिक्षा अधिकारी का नाम चार्जाशीट में आ जाए। गांड़ी पर खंड शिक्षा अधिकारी की प्लेट भी लगी है। तमाम स्थानों के सीसीटीवी फुटेज इस बात के गवाह हैं कि इस वाहन का प्रयोग वहीं कर रहे थे। बावजूद इसके अपने अफसर को बचाने के लिए जिले के कई अफसर मेहनत कर रहे हैं।

कैसे पकड़ी गई बोलेरो गाड़ी

सूत्र बताते हैं कि यदि हालात सामान्य होते तो फर्जी नत्बर प्लेट वाली बोलेरो शायद ही कभी पकड़ी जाती। मगर शिक्षा विभाग के सूत्र बताते हैं कि बीइओ (खंड शिक्षाधिकारी) इधर अध्यापकों का निरंतर उत्पीड़न व भयादोहन कर रहे थे। जिसके कारण वहां शिक्षकों का एक तबका उनसे बहुत नाराज था। समझा जाता है उन्हीं में से किसी शिक्षक ने मुखबिरी कर वाहन की पकड़ कराई। लेकिन मुकामी पुलिस ने बाद में किसी कारण से पूरी घटना का सीन ही बदल दिया। अब लोगों की निगाहें अपने ईमानदार पुलिस अधीक्षक पर टिकी हैं। देखना है कि इस आगाज का अंजाम क्या निकल कर आता है।

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