6 मौतों पर भी गरदहिया चीख नही सुन पा रहे अफसर व नेता, अभी कई खतरे की जद में

August 19, 2018 2:21 PM0 commentsViews: 1222
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— गरदहिया में कालरा का प्रकोप

—-गांव में अभी भी दवाओं का भारी आभाव, शुद्ध पेयजल भी नहीं

 

नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर। जिले की डुमरियागंज तहसील के गरदहिया गांव में हर तरफ रोने की आवाजें हैं। अब तक 6 लोगों की मौत और कई लोगों को मौत की दहलीज पर पहुंचते देख कौन परिजन अपने रुदन को रोक पायेगा। गुरुवार से वहां फैले कालरा के प्रकोप, जिसे अब तकनीकी तौर पर डायरिया कहा जाता है, को रोकने में अभी तक प्रशासन को कोई सफलता नही मिली है। गांव के लोग चिल्ला रहे हैं, मगर सियासतदान की जुबान खामोश है। सियासतदानों की यह खमोशी गांव वालो के दर्द को और बढाती है।

गांव में डायरिया ने बरसाया मौत का कहर

गरदहिया गांव पिछले गुरुवार से डायरिया के कहर का शिकार है। गबांव में अब तक 6 मौतें हो चुकी है। अभी भी आधे दर्जन लोग बीमार हैं। प्रकोप बढता ही जा रहा है। मीडिया के प्रेशर से कल गावं का सीएमओ ने दौरा किया और कुछ कर्मियों को वहां डयूटी पर लगा दिया,फिर भी हालात कंट्रोल में नहीं है। गांव में डाक्टर विजय चतुर्वेदी तो है, मगर दवाएं बेहतर नहीं हैं। इसलिए अभीहिलात कंट्रोल में नहीं हैं।

गांव के एक घर में सबसे ज्यादा रुदन है। इस घर से तीन लोगों की अर्थी एक साथ उठी है। 70 साल के मुसई, 45 साल के चींगुर और 26 साल की गीता की एक साथ अर्थी उठने बाद से इस इस परिवार का रुदन अभी थमा नहीं हैं। गरदहिया में भय का मौहौल है। माएं अपने बच्चों को सीने से लगाये धर के कोनों में बैठी हैं, जैसे बाहर मौत का राक्षस खड़ा हो जो बाहर निकलते ही उनकरे लील लेगा।

पेयजल को साफ करने के लिए दवाओं का अभव- फॅरहान खान

गरदहिया गांव में सपा के युवा नेता फरहान खान से मुलाकात होती है। वे स्वास्थ्य टीम के साथ भगदौड़ में लगे दिखे। कल उन्होंने मरीजों के लिएएम्बुलेंस की व्यवस्था कराई, सरकारी टीम के साथा रह कर गांव के एक एक परिवार का चेकअप कराया। फरहान खान ने बताया कि पानी को साफ करने के लिए दवाओं का अभाव है। वे बताते हैं कि इस गांव को बेहतर मेडिकल सहायता की बहुत जरूरत है। लेकिन इसके लिए सियासर लोगों को आगे आने की जरूरत है।

गांव को मदद व राहत की जरूरत़़- प्रधान अबिद अली

ग्राम प्रधान आबिद अली कहते हैं कि गांव मुसीबत में हैं। बीमारी बढ़ती जा रही है, मगर कोई पुरसाहाल नहीं है।गांव की मदद के लिए न तो अफसर आगे आ रहे न सियासतदान। भय के करण लोगों के कामधम बंद है। मीन हजार आबादी वाले गांव में मजदूर तबके के लोगों के सामने अब रोटी की समस्या भी आ खड़ी हुई है। उन्होंने लोगों से मदद की अपील की है।

 

 

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