गोल्हौरा एसओ की उदासीनता से मरने को मजबूर हुई युवती, आज भी एक निर्दोष को लिया हिरासत में
— इस बिगड़ैल और संवेदीनहीन दारोगा का दिमाग ठीक करिये कप्तान साहब!
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। गोल्हौरा थाने में छेड़खनी की रिपोर्ट दर्ज न होने पर खुद को आग लगाने वाली पीड़ित बालिका कर आज असपताल में मौत हो गई, लेकिन इससे सबक लेने के बजाये थानाध्यक्ष एक अभियुक्त केछोड़ने के लिए लेन देन में लगे रहे। एक ग्रामीण पत्रकार के पिरोध करने पर उसे हिरासत में ले लिया। यही वही दारोगा है जिन्हें इससे पूर्व बढ़नी नगरवासियों ने ऐसे ही एक मामले में दौड़ा लिया था।‘
आखिर शर्म से जल मरी संतोषी
16 साल की ग्राम तेलपुरवा की संतोषी नामक बालिका पुत्री विश्वम्भर से 24 मई को क्षेत्र के लफंगों ने छेड़छाड़ की थी, जब वह अपनी मौसी के साथ एक कार्यक्रम से लौट रही थी। इसकी शिकायत थाने पर की गई, लेकिन थाने पर अभियुक्त पक्ष के दबाव में शिकायत दर्ज करने के बजाय संतोषी के परिजनों को अपमानित कर भगा दिया गया।
बताते हैं कि संतोषी रात भर घटना और परिजन के अपमान से दुखी होकर रोती रही। दूसरे दिन भी थाने पर सुनवाई न होते देख शर्म और अपमान के कारण उसने खुद पर मिटी का तेल डाल कर आगे लगा लिया। उसे नाजुक हालत में इलाज के लिए गोखपुर ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। काश थानाध्क्ष राजकुमार यादव ने पीडित परिवार की बात सुन ली होती तो उसकी जान बच जाती।
भ्रष्टाचार के विरोध पर पत्रकार हिरासत में
27 मई को संतोषी की मौत पर पूरे क्षेत्र में दारोगा राजकुमार की हृदयहीनता की निंदात्मक चर्चा हो रही थी, लेकिन दारोगा जी गोल्हौरा थाने में बैठ कर चोरी के एक अभियुक्त से मामला दबााने के लिए लेन देन तय कर रहे थ्रे। हालांकि अभियुक्त की पूरी हरकत सीसीटीवी में कैद थी, लेकिन उनकी दीदादिलेरी देखिए, इतना होने के बावजूद भी उसे रिश्वत लेने पर छोड़ने को तैयार थे।
संयोग कहिए कहिए कि उस समय थाने पर एक चैनल का स्ट्रिंगर पत्रकार भी मौजूद था। उसने ही इस चोरी की घटना अन्य समाचार पत्रों की दी थी। उस स्ट्रिंगर शमीम अंसारी द्धारा इस प्रकरण में चल रही बातचीत में पीड़ित के पक्ष में कुछ कहने पर दारोगा ने उसे हिरासत में ले लिया। इस बारे में पूछे जाने पर दारोगा का कहना है कि हिरासत में लिया गया स्ट्रिंगर नही नकली डीएफओ बन रहा था। दारोगा जी बढ़नी में भी रहे है विवादित
पहले भी विवादित रहे हैं राजकुमार याद
याद रहे कि गोल्हौरा थाने से पूर्व दारोगा जी ढेबरुआ थाने के बढ़नी चौकी पर इंचाज के रूप में तैनात थे। वहां भी वह काफी विवादित थे। एक बार तो एक गांव में उनके एक पक्षीय रवैये को देख कर ग्रामीणों ने दौड़ा भी लिया था। बाद में काफी हंगामें के बाद मामला सुलझााया गया था। अब तो इनकी हरकतों से पुलिस ही नहीं जिले के एसपी डा. धर्मवीर सिंह की गरिमा पर चोट होने का अंदेशा खड़ा हो गया है। उम्मीद है कि पुलिस कप्तान अपने इस बिगड़ैल मातहत को राहरास्त पर लायेंगे।