स्कूल की फीस जमा न कर पाने से मजबूर बाप ने दो बटियों के साथ खुदकशी कर ली

November 15, 2022 12:49 PM0 commentsViews: 67
Share news

गोरखपुर के गीता वाटिका क्षेत्र में घटी यह लोमहर्षक वारादात, मृतक जितेन्द्र दुर्घटना में गवां बैठे थे एक पैर, पत्नी की भी हो चुकी थी मौत

नजीर मलिक

मृतक जितेन्द्र के पिता को सांत्वना देते लोग

गोरखपुर। महानगर के शाहपुर इलाके में गीता वाटिका स्थित घोसीपुरवा में पिता और दो बेटियों ने दुपट्टे के सहारे फंदा बनाकर खुदकुशी कर ली। तीनों के मौत की जानकारी मंगलवार सुबह को हुई। 48 वर्षीय मृतक का नाम जितेन्द्र श्रीवास्तव तथा उनकी दोनों बेटियों उनकी दोनों बेटियों के नाम मान्या श्रीवास्तव, व मानवी श्रीवास्तव है। दोनों की उम्र क्रमशः 16 और 14 बताई जाती है। इस दर्दनाक घटना के सार्वजनिक होते ही पूरे शहर में सनसनी फैल गई। सूचना पर एसपी सिटी और फॉरेंसिक टीम मौके पर पहुंची और जांच पड़ताल करने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए। बताया जा रहा है कि बच्चियों की फीस पांच महीने से बकाया थी।  लोगों के मुताबिक घटना स्थल से एक सुसाइड नोट भी पाया गया है।जिसे पलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है।

बताया जाता है कि शाहपुर इलाके के गीता वाटिका स्थित घोसीपुरवा निवासी ओमप्रकाश श्रीवास्तव के दो बेटे हैं। दोनों अलग बगल के मकान में रहते हैं। ओमप्रकाश मूल रूप से बिहार के गुठनी थाना क्षेत्र सिवान के रहने वाले हैं। वे घोसीपुरवा में मकान बनवा कर पिछले तीन दशक से वहीं  रहते हैं। ओम प्रकाश के बड़े बेटे जितेंद्र श्रीवास्तव  व उनकी दोनों बेटियां उन्हीं के साथ रहते थे। जितेंद्र श्रीवास्तव का एक पैर गुठनी से गोरखपुर  आते समय मैरवा स्टेशन पर 1999 में ट्रेन से कट गया था। इसलिए वे घर में ही सिलाई का काम करते थे। जबकि उनकी पत्नी सिम्मी की दो साल पहले कैंसर से मौत हो गई थी।

उनकी दोनों बेटियां मान्या श्रीवास्तव (16) और मानवी श्रीवास्तव (14) आवास विकास स्थित सेन्ट्रल एकेडमी में कक्षा नौ और सात में पढ़ती थीं। मृतक के पिता ओमप्रकाश प्राइवेट गार्ड का काम करते हैं। सोमवार की रात शहर में ड्यूटी पर गए थे। सुबह मकान पहुंचे तो एक कमरे में बेटा और दूसरे कमरे में दो बेटियों के शव दुपट्टे के सहारे लटकता मिला। सूचना पर पहुंची पुलिस ने जांच पड़ताल करने के बाद शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। घर से मिले दो मोबाइल फोन और सुसाइड नोट की पुलिस जांच कर रही है।

हालांकि सुसाइड नोट में लिखी बातों का ब्यौरा नहीं मिल सका है। परन्तु मृतकजितेन्द्र केपिता ओम प्रकाश श्रीवास्तव व पास पड़स के लोगों का कहना है कि दोनों बटियों की फीस जमा नहीं कर पाने के कारण जितेन्द्र पिछले कुछ दिनों से बहुत परेशान थे। उन्होंने फीस जमा करने केलिए लोगों से कुछ कर्ज भी मांगा मगरकिसी ने उनकी मदद न की। इसलिए हताशा में आकर उन्होंने बटियों सहित अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। बता दें किविकालांग होने के कारण वे बहुत तंगहाल थे। उनके पिता भी एक सिक्योरिटी गार्ड थे।जिनकी मासिक तन्ख्वाह भी बहुत कम थी। इस प्रकार उनका परिवार बहुत संघर्षमय जीवन जी रहा था।

 

 

 

 

 

Leave a Reply