नोटबंदी से मरने वाले परिवार को मुआवजा दे केन्द्र सरकार-मजहर आजाद

December 24, 2016 2:30 PM0 commentsViews: 305
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संजीव श्रीवास्तव

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सिद्धार्थनगर। नोटबंदी के कारण आम आदमी का जीना मुहाल हो गया है। डेढ महीने की नोटबंदी ने सौ के आस पास लोगों की जान चली गयी है।इसे एक आपदा मान कर केन्द्र सरकार को सभी मृतको को मुआवजा देना चाहिए।

उक्त विचार फ्यूचर इंडिया के चेयरमैन और समाज सेवी मजहर आजाद ने व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि नोटबंदी से देश की जो हानि हुई है उसकी भरपाई शायद आने वाले 10 वर्षों में भी सम्भव नहीं है। व्यापार आधा हो गया है, लघु उद्योग बन्द होने के कगार पर हैं।

उन्होंने कहा कि किसानों की कच्ची फसल का मूल्य आधा हो गया है और बहुत से किसानों ने तो अपनी कच्ची फसल को सड़कों पर फेंक दिया है। गेहूॅ की बुआई के लिए अपने धान को कम कीमत पर बेंचना पड़ा। दैनिक मजदूर बेरोजगार हो गया, पैसा होते हुए भी कई लोग दवा के बगैर मर गये।

उन्होंने  कहा कि आजाद भारत के इतिहास में किसी प्रधानमंत्री के निर्णय से जन-धन की इससे बड़ी क्षति की दूसरी मिसाल नहीं मिलेगी। इन 45 दिनों में कमजोर वर्ग की जो आर्थिक क्षति हुई है उसकी भरपाई तो सम्भव ही नहीं है, लेकिन जो लोग बैंक की लाइनों में मर गये यदि उनको उचित मुआवजा भी नहीं दिया गया तो नोट बंदी के इन 50 दिनों को इतिहास के काले अध्याय में दर्ज किया जायेगा।

उन्होंने मांग किया कि केन्द्र सरकार नोटबंदी के कारण मरने वालों के सभी परिवारों को 10-10 लाख रूपये का मुआवजा दे, जिससे देश में यह संदेश जाय कि वर्तमान सरकार पूर्ववर्ती सरकारों की भांति संवेदनहीन नहीं है।

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