भाजपा बागी हरिशंकर ने गिरगिट का रंग दिखाया, बब्बू मिश्रा बने रालोद के उम्मीदवार

February 7, 2017 6:32 PM0 commentsViews: 1766
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अभय कुमार

रालोद के नये उम्मीदवार बब्बू मिश्र और माला पहने हरिशंकर सिंह

रालोद के नये उम्मीदवार बब्बू मिश्र और माला पहने हरिशंकर सिंह

सिद्धार्थनगर। इटवा विधानसभा सीट पर भाजपा में उथल पुथल जारी है। भाजपा से बगावत कर राष्टीय लोक दल में शामिल होकर रालोद उम्मीदवार बनें हरिशंकर सिंह पल्टी मारते हुए एक हफ्ते बाद फिर से भाजप में वापस लौट आये हैं। दूसरी तरफ उनकी वापसी के बाद भाजपा के एक अन्य नेता बब्बू मिश्रा ने रालोद ज्वाइन करते हुए इटवा से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है।

मिली जानकारी के मुताबिक टिकट कटने के बाद भाजपा के पूर्व प्रत्याशी रहे हरिशंकर सिंह पार्टी छोड़ कर राष्टीय लोकदल ज्वाइन कर लिया था। वह रालोद से उम्मीदवार भी घोषित हो गये थे। खबर है कि एक सप्ताह बाद ही उन्होंने रालोद को अलविदा कहते हुए फिर से भाजपा ज्वाइन कर लिया। उनकी जगह पर बब्बू मिश्रा रालोद के नये उम्मीदवार बनाये गये हैं।

कौन हैं बब्बू मिश्रा

इटवा के बिस्कोहर क्षेत्र निवासी बब्बू मिश्रा भाजपा के तेज तर्रार नेता हैं। वह भारतीय जनता पार्टी के युवा र्मोचा जिलाध्यक्ष के अलावा विभिन्न पदों पर रहे हैं। उनकी पहचान संघर्ष करने वाले युवा नेता के रुप में होती है। उन्होंने बताया कि भाजपा में जुझारु लोगों की वैल्यू नहीं है। धनबलियों को टिकट दिये जा रहें हैं। ऐसे में निष्ठावान कार्यकर्ताओं को चाहिये कि वह सच्चाई समझते हुए मेरे साथ खड़े हों।

रालोद अध्यक्ष ने कहा

रालोद के जिलाध्यक्ष सुधीर किसान ने हरिशंकर सिंह कोे राजनीति का गिरगिट बताते हुए कहा है कि उन्होंने जिस तरह की हरकत किया है, वह कोई सम्मानित नेता नही कर सकता है। आने वाले दिनों में हरिशंकर सिंह राजनीति में आप्रसंगिक हो जायेंगे। रालोद उनके लिये ईश्वर से प्रार्थना ही कर सकता है। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता और युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष बब्बू मिश्रा रालोद में शामिल हो गये हैं। वह इटवा से रालोद के उम्मीदवार हैं।

हरिशंकर नहीं उठा रहे फोन

इस बारे में कपिलवस्तु पोस्ट ने जब हरिशंकर सिंह से फोन पर संपर्क किया तो उन्होंने फोन नही उठाया। पार्टी छोड़ने के बाद हर रिंग पर कपिलवस्तु पोस्ट का फोन उठाने वाले हरिशंकर सिंह का फोन न उठना कई सवाल उठा रहा है। क्षेत्र में उनके पल्टी मारने को लेकर कई तरह की चर्चायें हैं।

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