‘हाता पर छापा’ को लेकर धरना, न झुके, न डरे, कहा– सरकारी दमन के खिलाफ पूरे प्रदेश में लड़ेंगे

April 25, 2017 11:23 AM0 commentsViews: 996
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––– तिवारी परिवार के आवास पर हुए पुलिस छापे के मुद्दे को राजयसभा में रखेंगी बसपा सुप्रीमो मायावती– राजभर का ऐलान

अजीत सिंह 

धरने में आ रहे लोगों का स्वागत करते पूर्व मंत्री पंडित हरिशंकर तिवारी

धरने में आ रहे लोगों का स्वागत करते पूर्व मंत्री पंडित हरिशंकर तिवारी

गोरखपुर: शनिवार को एसपी सिटी द्वारा पूर्व मंत्री पंडित हरिशंकर तिवारी के निवास स्थान हाता पर मारे गए छापे के विरोध में चिल्लूपार के विधायक और हरिशंकर तिवारी के छोटे पुत्र विनय शंकर तिवारी के नेत्रुत्व में बसपाइयों ने जिलाधिकारी कार्यालय पर हजारों की तादाद में पहुंचकर धरना दिया। धरने में बसपा प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर व पूर्व विधान परिषद् सभापति गणेश शंकर पांडेय सहित अनेक गणमान्य शामिल रहे।

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धरने में बोलते हुए बसपा प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर ने बसपा के प्रभावशाली ‘तिवारी परिवार’ के आवासीय परिसर हाता में पुलिस की छापेमारी को सियासी मुद्दा बनाने का साफ संकेत दिया है। प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर ने साफ कहा कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने इसे खुद राज्यसभा में उठाने का निर्णय लेने के साथ सरकार के खिलाफ संघर्ष का संदेश दिया है।

बता दें कि पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी ने खुद बसपा की सदस्यता नहीं ली है, लेकिन उनका समूचा परिवार ही बसपा में है। उनके पुत्र विनय शंकर तिवारी भाजपा की प्रचंड लहर में भी चिल्लूपार से बसपा के टिकट पर जीत गए। बड़े पुत्र पूर्व सांसद भीष्म शंकर तिवारी एवं भांजे विधान परिषद के पूर्व सभापति गणेश शंकर पांडेय पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में हैं।

लोकतांत्रिक कांग्रेस के अध्यक्ष पं. हरिशंकर तिवारी भी प्रत्येक अवसर पर बसपा के साथ ही खड़े रहते हैं। ऐसे में उनके आवासीय परिसर पर हुई कार्रवाई के खिलाफ संघर्ष का एलान कर बसपा एक साथ कई संदेश देना चाहती है। सरकार के खिलाफ आक्रामक तेवर अपनाने के साथ ब्राह्मण समाज को इस मुद्दे पर एकजुट करना भी उसकी रणनीति में है। कांग्रेस प्रत्याशी के खुले समर्थन और कुछ सपा नेताओं के धरना स्थल पर पहुंचने से उत्साहित बसपा इस लड़ाई को आगे तक ले जाने की तैयारी में है।

कांग्रेस प्रत्याशी भी पहुंचे समर्थन देने:

धरनास्थल पर समर्थकों के साथ पहुंचकर शहर विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी रहे राणा राहुल सिंह ने भी पुलिस छापे का विरोध किया। उनके अलावा कई सपा नेताओं को भी पुलिस के खिलाफ नारे लगाता देखकर बसपाइयों का हौसला बढ़ गया। पार्टी ने राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन में एसपी सिटी को निलंबित करने की मांग की है। 1अधिवक्ता भी समर्थन में आए: बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष मधुसूदन त्रिपाठी, पूर्व मंत्री भीम स्वरूप भाष्कर, होमगार्ड एसोसिएशन के अध्यक्ष रविन्द्र पाठक ने भी बड़ी संख्या में साथियों के साथ पहुंचकर धरने को संबोधित किया।

बसपा नेताओं ने भरी हुंकार

बसपा के मुख्य जोन कोआर्डिनेटर उदयभान, हरि प्रकाश निषाद, रामदरश कुशवाहा, जिलाध्यक्ष सुरेश भारती, राजेश पांडेय, राजेश राजभर, श्रवण निराला, जाफर अली जिप्पू, प्रदीप निषाद, विश्वजीत सिंह सैंथवार, संजय पांडेय, इरफानुल्लाह, ओम नारायण पांडेय, विश्वजीत सिंह आदि ने भी अपने संबोधन में तिवारी परिवार के आवासीय परिसर में पुलिस के छापे को सरकार के इशारे पर की गई कार्रवाई बताया। पूर्व जिलाध्यक्ष पशुपति नाथ रविकुल, लोकतांत्रिक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सैय्यद वसी अख्तर रिजवी, प्रदेश उपाध्यक्ष महेंद्र मिश्र, करुणोश उर्फ बिट्टू दुबे, राकेश मिश्र उर्फ नन्हे बाबा, अर्पणोश मिश्र, संतराम दुबे, कुणाल मणि त्रिपाठी व्यवस्था समर्थकों को संभालने में लगे थे। 1

प्रशासन पर लगाया समर्थकों को रोकने का आरोप

कलक्ट्रेट तक पहुंचने के लिए बसपा नेताओं ने कई जत्थे बनाए थे। बसपा विधायक विनय शंकर तिवारी का कहना था कि उनके समर्थकों को बड़हलगंज, कौड़ीराम, नौसढ़ में पुलिस ने रोक दिया। इधर, कलेक्ट्रेट के तीनों प्रवेशद्वार पर पुलिस ने कड़ा पहरा बैठा दिया था। विनय शंकर का जत्था पहुंचने के बाद पुलिस ने गेट बंद कर दिया। दूसरा जत्था कलक्ट्रेट पहुंचा तो पुलिसकर्मियों से मामूली नोकझोक भी हुई, जिसके बाद समर्थक जबरदस्ती गेट खुलवाकर अंदर धरना स्थल पर पहुंच गए। 1

धरना की अनुमति को लेकर रविवार देर रात तक असमंजस की स्थिति रही। अफसर धारा 144 का हवाला देकर अनुमति देने में आनाकानी कर रहे थे। रात करीब साढ़े 11 बजे एडीएम, एसपी सिटी, सीओ कैंट ने बैठक के बाद अनुमति दी। बसपाइयों का आरोप था कि अनुमति के बावजूद पुलिसकर्मी उनका मंच और माइक जबरदस्ती उठा ले गए। दोपहर तक पोर्टेबल लाउडस्पीकर से नारेबाजी की गई। एक साउंड और स्पीकर मिलने पर भाषण शुरू हो सका।

सुरक्षा के यह थे इंतजाम

 बसपा के धरना के मद्देनजर पुलिस ने किसी भी विरोध प्रदर्शन से निपटने के लिए सुरक्षा के जबरदस्त इंतजाम किए थे। कलेक्ट्रेट परिसर से लेकर चौराहों तक पुलिस अधिकारियों समेत 356 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी। इसमें 03 एसपी, 05 सीओ, 13 एसओ, 39 दरोगा, दो महिला दरोगा, 250 सिपाही, 44 महिला सिपाही समेत डेढ़ सेक्शन पीएसपी तैनात की गई थी। अग्निशमन की दो गाड़ियां, टीयर गैस फायर की चार गाड़ियां भी परिसर में मौजूद थीं। 1 सीसीटीवी कैमरे से की गई लाइव निगरानी1धरना पर नजर रखने के लिए कलक्ट्रेट परिसर में पांच सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। पुलिसकर्मी कमरे में बैठकर इसका सीधा प्रसारण देख रहे थे। बीच-बीच में पुलिसकर्मियों को निर्देश भी दिया जा रहा था। धरना शुरू होने से लेकर समाप्ति तक की वीडियोग्राफी कराई गई।

 

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