exclusive–इमाम हुसैन की तरफ से लड़ने के लिए भारत के हुसैनी ब्राहृमणों की फौज भी गई थी कर्बला?

October 18, 2015 12:31 PM9 commentsViews: 12106
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नजीर मलिक

कर्बला

यजीद के अन्याय के खिलाफ खड़े इमाम हसैन की मदद के लिए दत्त ब्रहृमणों की पूरी बटालियन इराक गई थी, लेकिन तब तक इमाम हसैन शहादत पा चुके थे। इसलिए हिंदुस्तानी फौज कूफा से भारत लौट गई। अगर पल्टन पहले पहुंची होती तो शायद कर्बला की कहानी कुछ और होती।

पूरी घटना कुछ इस तरह है। ईरान के तत्कालीन सूसानी शासक जाजोजर्द की एक बेटी महरबानों की शादी उज्जैन के चालुक्य राजा चन्द्रगुप्त से हुई थी। शादी के बाद उनका नाम चन्द्र लेखा रख गया। मेहरबानों की दूसरी बहन शहरबानों की शादी हजरत इमाम हुसैन से हुई थी। सूसानी तब अग्नि के उपासक थे।

बताया जाता है कि यजीद से जंग के आसार देख हजरत इमाम हुसैन ने चन्द्र गुप्त को मदद के लिए खत लिखा था।  चन्द्रगुप्त का सेनापति पंडित भूरिया दत्त था। हजरत इमाम हुसैन को संकट में घिरा देख कर चन्द्र गुप्त ने सेनापति भूरिया दत्त को फौज के साथ फौरन इराक रवाना किया।

सन 680 में 11 अक्टूबर को उसकी पल्टन कूफा तक पहुंची थी, कि कर्बला से इमाम की शहादत की खबर आ गई। भूरिया दत्त का काफिला कुछ दिन कूफा में रुक कर भारत लौट आया। अगर पल्टन कुछ दिन पहले पहुंचती तो शायद कर्बला की कहानी कुछ और हो जाती।

दूसरी तरफ एक और बहादुर ब्राहृमण रहाब दत्त भी अपने बेटाें के साथ कर्बला पहुंचा हुआ था। यजीदी फौजों ने रहाब दत्त के बेटों को मार दिया, तो इमाम हुसैन ने रहाब को भारत लौट जाने को कहा। रहाब और उनके साथी आकर पंजाब में बस गये। उस घटना के बाद दत्त ब्राहृमणों को हुसैनी ब्राहमण भी कहा जाने लगा।

प्रसिद्ध लेखक इंतजार हुसैन अपने स्तंभ में लिखते हैं कि वह पहले इस घटना काे कहानी ही समझते थे। मगर दिल्ली में एक सेमिनार के दौरान नूनिका दत्त नामक महिला प्रोफेसर ने बताया कि वह खुद हुसैनी ब्राहृमण हैं।

समकालीन पत्रकार और लेखक जमनादास अख्तर के मुताबिक वह खुद दत्त ब्रहमण है। उनके यहां अशूरा को शोक की तरह मनाते हैं। परिवार में खाना नहीं बनता है। फिल्म अभिनता संजय दत भी हुसैनी ब्राहृमण हैं। उनके पिता सुनील दत्त कहते थे कि उन्हें हुसैनी ब्राहृमण होने पर गर्व है।

जाहिर है हुसैनी ब्राहृमणों का एक शानदार इतिहास है, जिस पर अभी बहुत शोध बाकी है। बकौल नवैद रिजवी इस इतिहास को बेहतर ढंग से उजागर कर भारत में कौमी एकता की डोर को बहुत मजबूत किया जा सकता है।

9 Comments

  • waseem abbas jafri

    यह कोर झूट है क्यूंकि इमाम हुसैन को जंग के लिए फौज की ज़रूरत ही होती या जंग करनी ही होती तो वो मदीना नहीं छोड़ते। और इसके अलावा और भी रेफरेंस है सामने से बात कर लीजिए जब आपकी मर्ज़ी एंड जो भी चाहे।

    • यजीद के अपने इतिहासकार इबने ने इसे अपनी किताब में जगह दी हैंं इराक के मयूजियम में भी उन लोगों के नाम की एक तख्ती आज रखी हैं इंतजार हुसकैन की किताब करबला और ब्रहमण में भी इसका हवाला हैं हो सकता है यह स्टोरी झूट हो लेकिन इब्ने ने ऐसा क्यों लिखा यह सोचने वाली बात है।

  • yar kuchh bhi likh de te ho apni taraf se??
    agar bat jung ki hoti to 72 jaan nisar lakhon ka katl kar chuke hote……lekin shahadat to honti hi thi …isliye koi jung nahi hui…..isliye jhhoothi afwahen failane ka koi fayeda nahi hai……

    • ;thn यजीद के अपने इतिहासकार इबने ने इसे अपनी किताब में जगह दी हैंं इराक के मयूजियम में भी उन लोगों के नाम की एक तख्ती आज रखी हैं इंतजार हुसकैन की किताब करबला और ब्रहमण में भी इसका हवाला हैं हो सकता है यह स्टोरी झूट हो लेकिन इब्ने ने ऐसा क्यों लिखा यह सोचने वाली बात है।

  • imran ali khan

    bilkul bakwas h ye story jisne bhi post ki h wo bewakuf h

  • Tanzeem Hussain

    assalaam alekum bhaiilogo
    Ye jo story bhai ne post ki h yeh bilkul sahi story hy. Beshak hind se fouj gai ti irak imam ki nusrat ke liye magar wo thk tym pr pohoch nai payi or imam ki shahadat ki khabar aa gai ti.
    bhaiilogo hmm log ayse h ksi bat ko nai mante myn ye nai kehta ki ap is story pr yakeen kaee ya mjh pr yakeen kre ap khud tareekh ka mutayel Kre inshallah apke ilm me khud izafa hoga.
    Imam ko jang ldhni ti ya nai ldhni to wo alag bat h bhaii kuch paigham bi te jo dunia ko dene te.
    Ayse to phr Mola ali a.s ne hazrat abbas a.s ko karbala ke lie manga ta lkn jb imam ko pta ta ki karbala me hussain a.s ko shahadat deni h to phr hazrat abbas a.s ko karbala ke lie kyu manga ? Ye sb kuch paogham te jo dunia ko dene te wrna ho skt ta koi jahil ye likh deta ki imam gye to ladhne ke lie te magar unke pas lashkar nai ta is lye shaheed hi gye maazallah.
    Filhal ap tareekh ka mutaela kre apko pta chl jaega fourth imam hazrat zainul abdeen a.s. Ki maa ka taalluk hind se ta.

  • Tanzeem Hussain

    Or aj bi desh me aye hindu bhai hyn jinhe hussaini brahammadh ke naam se jana jata hy.
    Salaam ho ayse watan ko or salaam ho mere pyare watan ke logo ko.
    Mje to garv h is bat pr ki myn Hindustani hu jahan mere imam ne aane ki khuahish ki ti.
    Hindustan Zindabad

  • जनाब ए आली
    अस सलाम अलयकुम
    हयात उल कुलूब जिलद 3
    अल्लामा मजलिसी जिनको 11 वें इमाम की तायीद ओ सनद मिली है कि इनकी सभी रवायतों सही है कहते है कि मेहर बानो की शादी मुहम्मद ए हनफिया और शहर बानो की शादी इमाम हुसैन से फतह ईरान के बाद जब इन शहजादीयों को दूसरे खलीफा के दरबार में असीर करके लाया गया तब मौला अली की सलाह और इन शहजादीयो के इंतखाब से हुई।
    जो कुछ भी बयान किया गया है सब एक अफसाना है।

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