डाककर्मियों के नाकारेपन से कभी फूट सकती है उपभोक्ताओं के आक्रोश की ज्वाला

January 10, 2016 3:53 PM0 commentsViews: 141
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संजीव श्रीवास्तव

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सिद्धार्थनगर जिले के डाकघर शाखाओं को कम्प्यूट्राइराइज क्या किया गया, यहां के उपभोक्ताओं की परेशानी काफी बढ़ गयी है। डाक कर्मी नेट की जानकारी न होने का बहाना कर उपभोक्ताओं की समस्याओं का निदान करने से पल्ला झाड़ लेते हैं। कर्मियों की इस बहाने बाजी से तमाम जरुरतमंदों को भुगतान नहीं हो पा रहा है। जिससे कभी उपभोक्ताओं का गुस्सा फूट सकता है।

स्थानीय डाकघर से मिली जानकारी के मुताबिक 28 सितम्बर को इस शाखा को सीबीएस किया गया था। आनलाइन होने से उपभोक्ताओं का घंटों का काम मिनटों में हो जाना चाहिए था, मगर हो रहा है ठीक इसका उल्टा। जो काम घंटों में होना चाहिए, उसके लिए उपभोक्ताओं को महीनों चक्कर लगाना पड़ रहा है, फिर भी काम नहींे हो पा रहा है।

अगर कर्मचारियों की बातों पर ध्यान दे तो शाखा को सीबीएस करने के बाद उन्हें काम करने के लिए प्रशिक्षण नहीं दिया गया, इससे वह काम करने में असहज महसूस कर रहे हैं।

इस शाखा को तीन माह से अधिक समय बीत चुका है, मगर यहां के कर्मी अभी आनलाइन नहीं हो पाये हैं। इससे हर रोज यहां पर उपभोक्ताओं की भीड़ लगती है, मगर काम न होने के कारण सभी शाम को निराश होकर घर लौट जाते है।

कुछ उपभोक्ताओं का कहना है कि अब उनका धैर्य टूट रहा है, अगर जल्द से जल्द समस्या का निदान नहीं हो पाया तो उनका आक्रोश कभी भी सड़क पर आ सकता है।

यह हाल केवल इसी शाखा का नहीं है, बल्कि समूचे सिद्धार्थनगर में है। किसी भी ब्रांच पर लेन-देन का काम नहीं हो रहा । काउंटर पर खड़े ग्राम दतरंगवा के गोला ने बताया कि उसने 15000 हजार का किसान विकास पत्र लिया था। उसकी अवधि पूरी हुए चार माह बीत गया है, वह रोज इसी प्रकार आता है, मगर काम नहीं हो पा रहा है।

इस सिलसिले में पोस्टमास्टर ने भी कर्मियों की बात का सही बताते हुए कहा कि सीबीएस होने के बाद समस्याएं इतनी बढ़ गयी है कि काम करना मुश्किल हो रहा है।

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