चुनाव चक्रमः बहेरिया गांव के “छोरे” ने दो सियासी दिग्गजों के माथे पर लिखी बेचैनी की इबारत

December 2, 2015 12:18 PM0 commentsViews: 619
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नजीर मलिक

दिलीप उर्फ छोटे पांडेय

दिलीप उर्फ छोटे पांडेय

सिद्धार्थनगरः डुमरियागंज ब्लाक के ग्राम सभा बहेरिया में प्रधान पद की लड़़ाई दिलचस्प मोड़ पर है। यहां दो दिग्गज और कटृटर सियासी प्रतिद्धंदी मिल कर 25 साल के एक “छोरे” की राह रोकने के प्रयास में हैं। इस अनोखी लड़ाई में जीते कोई भी, मगर दोनो दिग्गजों की तो हार ही हार है।

बहेरिया गांव में दिलीप पांडेय उर्फ छोटे नाम के 25 साल के एक नौजवान के मुकाबले जिले के खांटी हिंदुत्ववादी नेता अभयराम पांउेय की पत्नी चुनाव लड़ रही हैं। अभयराम जिले के वरिष्ठ भाजपा नेता हैं। छोटे की उम्र से कहीं अधिक लंबा उनका राजनैतिक जीवन है।

छोटे पांडेय की राह रोकने के लिए उसी गांव के एक अन्य नेता और जिले की राजनीति में कदृदावर मुकाम रखने वाले सच्चिदा पांडेय भी है। सच्चिदा का डुमरियागंज की राजनीति में अहम मुकाम माना जाता है। वह कांग्रेस पार्टी में हैं।

बताया जाता है कि इस चुनाव में बहेरिया के छोरे यानी छोटे पांडेय के खिलाफ दोनाें राजनीतिक प्रतिद्धंदी पुरानी अदावत भूल कर एक हो गये हैं। लेकिन चुनावी लड़ाई में छोटे का उत्साह उस उफनती नदी की तरह दिख रहा है, जिसके सामने मजबूत तटबंध भी बेबस हो जाते हैं। लिहाजा दोनाें के माथे पर चिंता की इबारत साफ नजर आती है।

बहेरिया गांव के तकरीबन एक हजार वोटरों में इस लड़ाई को लेकर बेहद उत्साह है। छोटे पांडेय के पास उनके स्व़ दादाश्री कल्लू पांडेय जी के सुकृत्य हैं। इसके अलावा गांव के लोगों के लिए उनके द्धारा की गई कुछ सालों की सेवा है। इसी भरोसे यह छोरा चक्रव्यूह का सातवां द्धार तोड़ने निकल पड़ा है।

छोटे पांडेय के पास इस लड़ाई में खोने के लिए कुछ नहीं है, जबकि दोनाें दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है। डुमरियागंज के सियासी हल्कों की नजरें इस चुनाव पर है। अनुमान है कि उत्साह और अनुभव की लड़ाई का दिलचस्प ही होगा।

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