नहीं थम रही कमाल विरोधी आवाज, वर्कर पूछ रहे क्या मजबूरी है आला कमान की ?

April 6, 2016 11:22 AM1 commentViews: 1415
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संजीव श्रीवास्तव

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डुमरियागंज विधारसभा सीट के घोसित सपा उम्मीदवार कमाल यूसुफ मलिक के खिलाफ समाजवादी पार्टी के वर्करों की मुखरता अभी तक बरकरार है। यह और बात है कि इन वर्करों ने अब अपने विरोध का तरीका बदल दिया है।

बताया जाता है कि पार्टी प्रत्याशी कमाल युसुफ ने पिछले दिनों मीडिया को बताया था कि उन्होंने पार्टी से न तो टिकट मांगा था और न ही कोई प्रयास किया था। पार्टी ने स्वयं ही टिकट दिया है।

विधायक के इस बयान से वर्करों में खासा गुस्सा है। समाजवादी पार्टी के नेता और जिला पंचायत सदस्य जमाल उर्फ पुत्तन, जफर उर्फ पप्पू मलिक, दिलीप पांडेय, राम कुमार अग्रहरि आदि नेताओं का कहना है, कि आखिर सपा आला कमान की कौन सी मजबूरी थी जो कमाल युसुफ मलिक को टिकट दिया गया है।

उनका कहना है कि कमाल यूसुफ के दल त्यागने के बाद जिस आदमी ने दिन रात मेहनत कर पार्टी की जड़ें मजबूत कीं, उसे दरकिनार करने से पार्टी के वर्करों में कौन सा मैसेज जायेगा। इस प्रकार की बयानबाजी करने वाले बताते हैं कि वह प्रत्याशी कमाल यूसुफ के इस बयान को सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव को देकर शिकायत करने की तैयारी कर रहे हैं।

कमाल यूसुफ को टिकट मिलने से नाखुश वर्करों की जमात के अर्जुन चौधरी, अजय गुप्ता, रामचन्द्र चौरसिया जमाल उर्फ़ मुन्नू फारुकी आदि का कहना है सपा प्रत्याशी का इस तरह का बयान उनके अहंकार का प्रमाण है। पार्टी के गर्दिश के दिनों में पार्टी के साथ रहे वर्करों में काफी निराशा है। पार्टी हाईकमान से पुनर्विचार करने की बात करते हैं।

इस बारे में सपा जिलाध्यक्ष झिनकू चौधरी का कहना है कि पार्टी की बैठक में साफ कर दिया गया है कि जिला इकाई किसी भी पार्टी विरोधी हरकत को सहन नहीं करेगी। दूसरी तरफ वर्करों का कहना है कि समाजवादी पार्टी में लोकतंत्र है। वह अपनी व्यथा को पार्टी के आलाकमान के समक्ष रखने को स्वतंत्र हैं और जल्द ही अपनी बात सपा आला कमान के समक्ष रखेंगे।वर्करों का कहना है पार्टी नहीं प्रतियाशी का विरोध है।
बताते चलें कि सपा नेता चिनकू यादव समाजवादी पार्टी की डुमरियागंज सीट के प्रभारी थे। 2012 के विधान सभा चुनाव में 42000 मत पाकर मामूली वोटों से शिकस्त पाई थी।इस बार भी वह  पार्टी के मजबूत उम्मीदवार भी थे। उन्होंने हाल के पंचायत चुनावों में अपने लोगों को जिता कर अपना राजनीतिक कद काफी बढा लिया था।

अचानक पिछले पखवारे सपा ने विधायक कमाल यूसुफ को दे दिया। तब से वहां की सपाई राजनीति में तूफान आया हुआ है। तमाम कोशिशें के बावजूद समाजवादी पार्टी के वर्करों के एक घटक का गुस्सा थम नहीं  पा रहा है।  दूसरी तरफ प्रत्याशी कमाल यूसुफ नाराज वर्करों को जोड़ने की कवायद में लग गये हैं।

 

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