बैंकों की मदद से आम किसानों के हक पर डाका डाल रहे फर्जी किसान

February 14, 2016 9:05 AM0 commentsViews: 468
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हमीद खान

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इटवा सिद्धार्थनगर। सरकार द्वारा किसानों के लिये चलायी गयी किसान केडिट कार्ड योजना में कतिपय लोग इन दिनों बैंक को झंासे में रख इस योजना का लाभ एक साथ कई बैंको से ले रहे हैं। इस कार्य में कुछ दलाल भी सक्रियता से उनकी मदद कर रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक इटवा क्षेत्र से बैंक के डिफाल्टर हो चुके कई कथित किसान इन दिनो तथ्य छुपाकर दलालो के मदद से डुमरियागंज स्थित एक प्राइवेट बैंक से धड़ल्ले से केेसीसी बनवा रहे हैं।

इस बैंक को भले ही अन्यत्र बैंक के डिफाल्टर होने पर कोई ऐतराज न हो, लेकिन इस योजना में यदि सरकार द्वारा पूर्व की भांति किसानों की केसीसी माफी जैसी कोई योजना लागूू की गई। तो सरकार को भारी राजस्व का नुकसान उठाना पड़ सकता है।

हालत यह है कि जहां कई किसान आज भी इस योजना के लाभ से वंचित है तो वही कुछ किसान जिम्मेदारों की मेहरबानी से कई बैंकों से केसीसी योजना का लाभ एक साथ ले रहे हैं।

ऐसे किसानों की संख्या क्षेत्र में काफी बताई जा रही है। लाभ से वंचित ग्रामीणो ने प्रशासन से ऐसे किसानों के खातें की जांच की मांग की है। सरकार द्वारा किसानों को रबी,खरीफ अथवा जायद के फसलों की बुवाई सिंचाई में आ रही वित्तीय कठिनाईयों को देखते हुये फसली ऋण के लिये किसान क्रेडिट कार्ड योजना चलायी थी।

इस योजना में किसान कभी वर्ष में दो बार केसीसी में निर्धरित धनराशि के बराबर राशि ऋण के रूप में निकाल सकता है। यह कार्ड अपने निकटवर्ती क्षेत्रीय बैंक से खतौनी की नकल देकर बनवा सकता है। परन्तु कुछ किसान एक साथ कई बैंक से केसीसी बनवाकर योजना में पलीता लगा रहे हैं।

जिम्मेदारों की उदासीनता से ये किसान फसली बीमा, कर्ज माफी आदि सुविधाओं का लाभ लेकर सरकारी राजस्व का चूना लगा रहे है। इस खेल में कतिपय बैक कर्मी भी खूब हाथ बंटा रहे है।

फर्जी नोडूज के आदि के सहारे यह कार्य जोरो पर है। सूत्रों का दावा है कि यदि प्रशासन क्षेत्रीय बैंको की जांच कर ले तो कई किसान व बैंक कर्मी बेनकाब हो जायेगें।

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