देखें विडियो – बाइक चालान के नाम पर खेसरहा पुलिस ने बर्बरता की सारी हदें तोड़ दीं, फिर दारोगा का क्या हुआ?

September 13, 2019 11:57 AM0 commentsViews: 1957
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— चार साल का भतीजी अपने पिटते चाचा को देख उससे लिपटती रही, फिर भी पुलिस को दया नहीं आयी

 

नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर। जिले के खेसरहा थाना क्षेत्र के एक दारागा और एक सिपाही ने अत्याचार की हदें तोड दीं। दोनों मिल के एक युवक को अमानवीय तरीके से पीटते रहे और युवक के साथ उसका चार साल की भतीजी इस यंत्रणा को मासूमियत के साथ देखती रही। वहां सैकडों की भीड़ थी, मगर यह पुलिस का आतांक था कि कोई भी युवक को बचाने आगे नहीं आया। दारोगा और सिपाही का यह कृत्य विडियों में कैद है, जिसे आप देख भी सकते हैं।

खबर के मुताबिक खेसरहा थाने के सकारपार चौकी के ग्राम कुड़जा का रहने वाला युवक रंकू पांडेय मोटरसाइकिल से अपने चार साल के भतीजी के साथ घर जा रह था। अचानक चौराहे के पास चौकी इंचार्ज वीरेन्द्र मिश्र और दीवान मेहेन्द्र ने रिंकू को रोक कर उससे गाड़ी के कागजात मांगे और हेलमेट न होने पर कथित तौर से रिश्वत की मांग की। कहते हैं कि घूस की रकम को लेकर दारोगा और रिंकू पांडेय में वार्ता होने लगी। बताया जाता है कि दारोगा मिश्र के अपशब्द कहने पर रिंकू ने प्रतिवाद किया और कहा कि वह पास के गांव का रहने वाला है। इसकी शिकायत अफसरों से जरूर करेगा।

मौके पर खड़े लोगों के अनुसार इतना सुनते ही दारोगा बीरेन्द्र मिश्र व दीवान महेन्द्र ने मिल कर रिंकू को खींच कर जामीन पर गिराया और लात घूसों से पिटाई करने लगे। वह चिल्लाता रहा। उसकी चार साल की भतीजी अपने चाचा को पिटते देख कर बार बार उसके पास जा रही थी, लेकिन दोनों पुलिस कर्मियों को दया न आई। यह क्रम काफी देर तक चला।

लोग बताते है कि रिंकू पांडेय का आध घंटे पीटने के बाद पुलिस उसकी मोटरसाइकिलन खींच ले गई। इस घटना  को मौके पर सैकड़ों लोग देख रहे थे, मगर डर के मारे युवक को बचाने कोई आगे नहीं आ रहा था। दस तारीख को दिन में 3 बजे घटी इस बर्बर घटना की कहीं सुनवाई नहीं हुयी और रिंकू घर में मजबूर अपनी चोटों का इलाज कराता रहा।

अन्त में 12 सितम्बर को किसी चश्मदीद ने घटना का विडियों वायरल कर दिया। इसके बाद जिले में इसकी गूंज हुई, मामला एसपी के भी संज्ञान में आया और मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए एसपी ने दारोगा और दीवान को निलम्बित करने का आदेश जारी किया। यहां यह उल्लेखनीय है कि यह इलाका प्रदेश के वरिष्ठ नेता और स्वास्थ्य मंत्री जयप्रताप सिंह के विधानसभा क्षेत्र में आता है। अब सवाल है कि जब मंत्री के क्षेत्र में पुलिस का यह हाल है तो आम इलाकों में क्या होता होगा, इसे आसानी से समझा जा सकता है।

 

 

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