सफेद हाथी बने धान क्रय केन्द्र, एक हजार रुपये कुंतल धान बेचने पर किसान मजबूर

November 4, 2020 1:43 PM0 commentsViews: 263
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अजीत सिंह

सिद्धार्थनगर। जिले के धान क्रय केन्द्रों पर किसानों द्धारा धान बेच पाना मुहाल है। क्रय केन्द्र कर्मी तैयार धान में भांति भांति के अड़ंगे लगा कर धान को सरकार द्धारा प्रचारित समर्थन मूल्य से कम मूल्य पर बेचने को मजबूर कर रहे हैं। बतातें हैं कि  क्रय केंद्रों पर किसानों को उपज में नमीं और मानक के विपरीत बता कर लौटा दिया जा रहा है। जिसकी वजह से किसान अपनी उपजबबिचौलिए के हाथ 9 से 12 सौ रुपये क्विंटल की दर से बेचने को मजबूर है। बता दें कि जिले के में  धान क्रय केन्द्रों की तादाद 92 है।

डुमरियागंज तहसील के देवरिया गाँव के किसान राम सुंदर 52 ने बताया कि क्रय केंद्रों पर उपज नहीं लिया जा रहा है। जिसकी वजह से आढ़तियों के हाथों 1200 रुपये क्विंटल धान बेचना पड़ा। उन्होंने कहा कि क्रय केंद्रों पर कॉमिशन चलता, बिचौलियों की ही केंद्रों पर चलती है। इस बार धान की पैदावारी भी कम रही, एक बीघा खेत में 5 क्विंटल तक ही धान हुआ है। एक बीघे में पांच हजार से ज्यादा लागत लग जाती है। किसान पूरी तरह से घाटे में है।

इसी प्रकार किसान असगर अली कहते हैं कि सिर्फ बिचौलिया और क्रय केन्द्रों पर पकड़ रखने वाले ही धान  बेच पाते हैं।  कुर्तिडीहा के युवा किसान आसिफ 23 कहते है कि मजबूरी में 1200 रुपये क्विंटल धान बेचा हूं। अभी और धान बेचने है अगर सरकारी रेट में बिक जाता है तो खेती का लागत भी मिल जाएगा। ऐसे में 1200 रुपये में खाटा खाकर उपज को बेचा गया है।

इस बारे में पीपुल्स एलाइंस के शाहरुख अहमद का कहना है कि क्रय केंद्रों पर बिचौलियों का कब्जा है जो किसानों से औने पौने दाम में 900 रुपये से लेकर 1200 रुपये तक धान का उपज लेकर क्रय केन्द्रों पर सरकारी रेट 1888 रुपये में बेच रहा है। ऐसे में किसानों के खेती के लागत भी नहीं निकल पा रहा है।

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