दावाः कोरोना वायरस से बचाव में सक्षम है होम्योपैथी़- डा. भाष्कर शर्मा

March 22, 2020 12:26 PM0 commentsViews: 390
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अजीत सिंह

डुमरियागंज, सिद्धार्थनगर। कोरोना वायरस बहुत सूक्ष्म लेकिन प्रभावी वायरस है। जिसके संक्रमण से जुकाम और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है। कोविड 19 वायरस कोरोना वायरस का ही एक प्रकार है जिसका संक्रमण दिसंबर 2019 में चीन के वुहान में शुरू हुआ था। बैक्टीरिया और वायरस से पैदा होने वाली तमाम बीमारियों के समान ही इसकी उत्पत्ति भी जीवो के अंदर से ही हुई है और बुहान में सी फूड बाजार से हुई है।

आज यहां गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड धारी विश्व प्रसिद्ध होम्योपैथिक चिकित्सक व विभागाध्यक्ष मटेरिया मेडिका विभाग हनीमैन कॉलेज आफ होम्योपैथी यूके लंदन तथा  सलाहकार प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय रांची, झारखंड डॉ भास्कर शर्मा ने कोरोना  वायरस संक्रमण के लक्षण का खुलासा करते हुए कहां की इंसान के शरीर में पहुंचने के बाद कोरोना वायरस उसके फेफड़ों में संक्रमण करता है। इस कारण सबसे पहले बुख़ार, उसके बाद सूखी खांसी आती है, बाद में सांस लेने में समस्या हो सकती हैlवायरस के संक्रमण के लक्षण दिखना शुरू होने में औसतन पाँच दिन लगते हैं।

उनके मुताबिक हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि कुछ लोगों में इसके लक्षण बहुत बाद में भी देखने को मिल सकते हैंl वायरस के शरीर में पहुंचने और लक्षण दिखने के बीच 14 दिनों तक का समय हो सकता है. कोरोना वायरस उन लोगों के शरीर से अधिक फैलता है जिनमें इसके संक्रमण के लक्षण दिखाई देते हैंl व्यक्ति को बीमार करने से पहले भी ये वायरस फैल सकता है।बीमारी के शुरुआती लक्षण सर्दी और फ्लू जैसे ही होते है।

डॉ शर्मा ने यह भी कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण बूढ़ों और पहले से ही सांस की बीमारी (अस्थमा) से परेशान लोगों, मधुमेह और हृदय रोग जैसी परेशानियों का सामना करने वालों के गंभीर रूप से बीमार होने की आशंका अधिक होती हैlकोरोना वायरस का इलाज इस बात पर आधारित होता है कि मरीज़ के शरीर को सांस लेने में मदद की जाए और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जाए ताकि व्यक्ति का शरीर ख़ुद वायरस से लड़ने में सक्षम हो जाएl डॉ शर्मा ने यह भी बताया कि भारत और उसके अन्‍य दक्षिण एशियाई मुल्‍कों के साथ एक फायदा मौसम का हैl हर प्रकार के कोरोना वायरस ठंडे, शुष्‍क मौसम में फैलते हैंl वायरस को भी फैलने से रोक सकता हैl

डॉ भास्कर शर्मा ने बच्चों को कोरोनावायरस से बचाने के लिए यह भी कहा कि इस मौसम में बच्चों के भोजन में सूखे मेवे, फल, दूध देना चाहिए ताकि उनकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़े और वह सर्दी से मुकाबला कर सकें। साथ ही इस मौसम में अगर बच्चों की तेल मालिश करके थोड़ी देर में धूप में बैठा दिया जाए तो यह भी बच्चों के लिए फायदेमंद है। डॉ शर्मा ने यह भी बताया कि बदलते तापमान पर रखें विशेष नजर क्योंकि सर्दी, जुकाम और गले में इंफेक्शन जैसी दिक्कतों का छोटे बच्चों को सामना करना पड़ जाता है। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि बच्चों को सुबह में ठंड से बचाया जाएl आगे डॉ भास्कर शर्मा ने बताया कि सुबह की ठंड से बच्चों को बचाने के लिए बहुत ज्यादा कपड़े लादने की बजाय, उनका तलवा, उनकी हथेली और उनके कान व सिर ढक कर रखें क्योंकि शरीर के इन हिस्सों में सबसे ज्यादा हीट लॉस होता है और यहीं से ठंड लगने का डर सबसे ज्यादा होता है, इसलिए बच्चों के टोपी, दस्ताने और मोजे जरूर पहनाकर रखें।धूप अच्छी सेहत के लिए बहुत जरूरी होती है। अपने बच्चे को कुछ देर सुबह के समय सन बाथ जरूर कराएं. इससे उनको ताजी हवा के साथ विटामिन डी भी मिलेगा।  गर्मी के मौसम में बच्चों को गुनगुने पानी में तौलिया भिगोकर उनके शरीर को साफ करें. इससे उनको ठंड भी नहीं लगेगी और वो साफ भी हो जाएगेंlबच्चों को नहलाने से पहले हल्के गर्म तेल से उनकी मालिश जरूर करेंl बच्चा एक साल से ज्यादा उम्र का है तो उसे मौसम के हिसाब से गर्म फल और सब्जियां खिलाएं, ताजा जूस भी दे सकती हैं, बच्चे को समय-समय पर या सर्दी-जुकाम होने पर स्टीमर की मदद से स्टीम जरूर दें। डॉ भास्कर शर्मा ने आगे यह भी बताया कि अगर आप किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं तो आपको कुछ दिनों के लिए ख़ुद को दूसरों से दूर रहने की सलाह दी जा सकती हैl  डॉ भास्कर शर्मा ने आगे यह भी बताया कि  भारत देश में ग्रामीण मजदूरों का पलायन कि दर बहुत अधिक है lवर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 45 करोड लोगों ने बेहतर रोजगार की तलाश में अपने घर छोड़े थे ऐसे में भारत वासियों  अपनी जान जोखिम में ना डालें भारत एक बहुत बड़ी कंट्री है और भारत में स्वास्थ्य सुविधाएं बहुत बेहतर है lयहां पर चिकित्सा विशेषज्ञों की भरमार हैl आप सभी से एक विशेष अपील है कि आप  चीन, इटली, ईरान, कोरिया, फ्रांस, स्पेन यूके अमेरिका और जर्मनी  अभी ना जाएंl

भास्कर शर्मा का कहना है कि इस वायरस की चपेट में आने के बाद लापरवाही जानलेवा हो सकती है। इस वायरस का पता आसानी से लगाया जा सकता है। सांस लेने में तकलीफ़, खांसी या फिर जुकाम, बुखार, सिर में दर्द और मांसपेशियों में दर्द हो तो नजरंदाज न करें, बल्कि तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

डॉ भास्कर शर्मा ने कोरोना वायरस से बचने के लिए होम्योपैथी की सॉरीनम, एडॉप्टा जस्टिसिया, एकोनाइट, आर्सेनिक, औरमट्राई फीलियम, कैंफर,कार्बोवेज,  नक्स वॉमिका,  बैक्टीसिया,  पैट्रोलियम, ब्रायोनिया,यूपाटोरियम परफोलिएटम, सल्फर, बेलाडोना आदि होम्योपैथिक औषधियां लक्षण अनुसार बेहद कारगर हैlऔर आगे डॉ शर्मा ने बताया कि  इस वायरस से बचने का कोई विशेष तरीका विकसित नहीं हो पाया है, लेकिन कुछ सावधानी बरतकर आप इस वायरस की चपेट में आने से बच सकते हैं। जैसे- खांसते और छींकते वक्त अपना मुंह और नाक ढंक कर रखें, अगर किसी शख़्स को खांसी-जुकाम है तो उससे उचित दूरी बनाकर रखें, मांस और अंडों को खूब पकाकर इस्तेमाल करें और जानवरों से जितनी दूरी हो सके बनाकर रखें।अपने हाथ साबुन और पानी या अल्कोहल युक्त हैंड रब से साफ करेंlजिन्हें सर्दी या फ्लू जैसे लक्षण हों, उनके साथ करीबी संपर्क बनाने से बचें lमीट और अंडों को अच्छे से पकाएं।जंगल और खेतों में रहने वाले जानवरों के साथ असुरक्षित संपर्क न बनाएं।

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