निलम्बित कोटदार के खिलाफ कठोर कार्यवाही की मांग को लेकर डी एम को दिया पत्रक

May 12, 2020 1:01 PM0 commentsViews: 577
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एस.पी. श्रीवास्तव

डीएम को पत्रक देने जाते शशिकांत जायसवाल  व अन्य

बृजमनगंज/महराजगंज । थाना क्षेत्र के  कस्बा निवासी युवा समाज सेवी व क्षेत्र पंचायत सदस्य शशिकान्त जायसवाल अपने साथियों के साथ आज जिलाधिकारी महराजगंज से मिलकर  दिए पत्रक के माध्यम से निलंबित कोटेदार के विरूद्ध कठोर कार्यवाही करने तथा उसका कोटा किसी भी दशा में बहाल न करने की मांग की है।

बताते चलें कि बृजमनगंज ब्लाक क्षेत्र के ग्राम सभा  हाता बेला हर्रैया  के कोटेदार के वहाँ राशन वितरण के  दौरान बीते तीन सप्ताह पूर्व कुछ अधिकारीगण  पहुँचे। तभी वहाँ  उपस्थित राशन लेने के लिए मौजूद ग्रामीणों ने अधिकारी से यूनिट के हिसाब से कम राशन व घटतौली के सम्बन्ध में शिकायत की।  अधिकारी ने कुछ लोगों का बयान भी लिया, मगर उनके जाने के बाद  कोटेदार फिर से मनमानी पर उतर आया। राशन ले रहे नीरज कार्डधारक से कोटदार ने चैलेंज तक कर दिया कि जा के कम्पलेन्ट कर दो  हम अधिकारी को पैसा देते हैं । और अब कोटदारी करना छोड़ नेतागीरी भी करना है तभी फायदा है। जिसका प्रमाण उस राशन लेने वाले ने एक ऑडियो भी बनाया है।उसमे कोटदार द्वारा साफ कहा जा रहा है कि हम मनमानी करेंगे अधिकारी कुछ नही करेंगे। क्योंकि उनको हिस्सा दिया जाता है।

ज्ञात रहे कि बीते 25 अप्रैल को जिले के अधिकारियो द्वारा कोटेदार की पुन: जांच करने हाता बेला हरैया के पंचायत भवन पर आये।वहां समाज सेवी शशिकान्त जायसवाल की मौजूदगी में अधिकारियों ने सबका बयान ले कर कोटदार के खिलाफ कार्यवाही करने का आश्वासन दे कर चले गये। दो दिन बीत  जाने के बाद भी कोटदार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।जिसपर सभी ग्रामीणों के मन में दुविधा बनी हूई थी  कि इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी। क्योकिं यह कोटदार हमेशा कहता था कि हम नीचे से ऊपर तक सभी अधिकारियो तक हिस्सा पहुचाते हैं।अब देखना है कि अधिकारी इस ढीठ कोटदार के खिलाफ कार्रवाई कब तक करते हैं।

समाज सेवी व ग्रामीणों के बार बार उच्चाधिकारियो से कोटदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर 29 अप्रैल को कोटा निरस्त कर दिया गया। इस कार्यवाई से समाज सेवी शशिकान्त के साथ  विकास राव, मोहन कुमार, उमाशंकर चौरसिया व रामकिशुन चौरसिया आदि ने असंतुष्ट होकर जिलाधिकारी महराजगंज से मिलकर निलंबित कोटदार के खिलाफ कठोर कार्रवाई के साथ पुनः उसी को कोटा बहाल न करने की मांग पत्र सौपा।

 

 

 

 

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