नेपालः कृष्णनगर में लक्ष्मी विसर्जन के दौरान भड़का दंगा, एक भातीय युवक की मौत, उपनगर में कर्फ्यू

November 1, 2019 2:08 PM0 commentsViews: 1250
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— क्या भारतीय क्षेत्र से गये उपद्रवियों ने बिगाड़े हालात?

—  बढ़नी-कृष्णानगर सीमा बंद, दोनों तरफ से चौकसी जारी

नजीर मलिक

 

सिद्धार्थनगर। भारत नेपाल सीमा स्थित कपिलवस्तु जिले के कृष्णानगर में कल फिर दंगा भडक उठा, जिसमें एक भारतीय युवक की जान चली गई और दर्जन भर घायल हो गये। मृतक का नाम पांउेय था। सिद्धार्थनगर जिले से सटे पस नेपाली उपनगर में फिलहाल कर्फ्यू  लगा दिया है। सीमा पर आवाबमन की रोक लगाा दी गई है। नेपाली पुलिस के अनुसार स्थिति नियंत्रण में है।

बताया जाता है कि बुधवार की घटना से आक्रोशित लोगों ने गुरुवार सुबह नौ बजे कृष्णानगर चौक पर हंगामा शुरू कर दिया। नेपाली पुलिस युवकों को नियंत्रण में करने की कोशिश करने लगी। लेकिन कि कृष्णानगर में लक्ष्मी पूजा की मूर्ति विसर्जन को लेकर हंगामे की खबर सुन कर उससे सटे भारतीय कसबे से लोग कृष्णानगर पहुंचने लगे। वे रात की धटना में कुद लोगों को जिम्मेदार बता कर उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। अचानक भीड़ बढ़ने से स्थिति बिगड़ गयी, इसी बीच उपद्रवियों ने एक पुलिस पिकेट को फूंक दिया। और पथराव शुरू हो गया।

 

कि बताया जाता है उपद्रवियों को रोक पाने में नाकाम पुलिस बलों ने लाठी चार्ज और आंसू गैस का प्रयोग किया। मगर स्थिति को काबू से बाहर देख अन्ततः पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी, जिसमें एक दर्जन लोग जख्मी हो गये और सूरज पांडेय नामक एक युवक की मौत हो गई। सूरज  सिद्धार्थनगर के बढ़नी उपनगर के मुड़िला वार्ड का रहने वाला था। वह कृष्णानगर में काम करता था। इसके बाद से कस्बे में तनाव भरी शान्ति  है। चौराहे  पर खड़ी दूगा्र प्रतिमाओं के उोले को पुलिस ने हटवा दिया है और पूरे कस्बे में गश्त कर रही हैं

बता दें की घटना की शुरूआत बुधवार की रात हो गई थी। बताते है कि कुछ लोग बुधवार की रात लक्ष्मी पूजा के डोला विसर्जन के लिए निकले थे। परन्तु इस बार विसर्जन का पारम्परिक मार्ग बिना अनुमति के बदल दिया गया था। जिस पर दूसरे समुदाय ने एतराज किया था। इसी विवाद में रात में पथराव हुआ था और झगड़ा बढने पर लोग अपना एक डोला वही छोड़ कर चले गये थे। शेष डोले चौक पर खड़े थे वह भी वहीं खड़े कर दिये गये। गुरुवार को चौक से हंगामा शुरू हुआ जिसके बाद फयरिंग हुई। नेपाल के लोगों का कहना है कि घटना सुन कर भारतीय क्षेत्र से कई लोग विशेष प्रयोजन से नेपाल पहुंच गये इनके कारण विवाद बढ़ गया।

 

 

 

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