गरीबों का दुख पहुंचा राजमहल, द्रवित हुए कुंवर धनुर्धर सिंह, सैकड़ों गरीबों को बांटा कम्बल

January 16, 2018 2:59 PM0 commentsViews: 963
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अजीत सिंह

अपन महल परिसरमें गरीबों को कंबल प्रदान करते कुंवर धनुर्धर प्रताप सिंह

शोरतगढ़, सिद्धार्थनगर। हिमालय की तलहटी से आती सर्द हवाओं ने मौसम को इस कदर अपनी गिरफ्त में लिया कि तापमान रात में चार डिग्री तक पहुंच जा रहा है।  लिहाजा  जिले में ठिठुरन चरम पर है। गरीबों की इस परेशानी का  यहसास कर शोहरतगढ़ राज परिवार के युवा सदस्य  कुंवर धनुर्धर सिंह को  हुआ तो उन्होंने बिना किसी शोर शराबे के  सैकड़ों गरीबों को अपने महल में कम्बल दे कर उनसे आशीष  और दुआएं हासिल कीं।

आज शोहरतगढ़ स्थित उनके महल की रौनक ही अलग थी। दूरदराज के तमाम गांवों से आये गरीब गुरबा राजमहल में जम कर घूम रहे थे। उन्होंने कलहंसवंशीय इस राजपूत परिवार के राजमहल की गौरव गाथा की कहानियां तो बहुत सुनी थीं। लेकिन आज वह इसे प्रत्यक्ष देख रहे थे। सबको उत्सुक्ता से प्रतीक्षा थी कुंवर के दर्शन की।

दोपहर के समय कम्बल वितरण शुरु हुआ। न कोई नेता, न कोई तामझाम और न ही मीडिया का जमावड़ा। कुंवर जी  राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के माध्यम से हिंदुत्व की अलख जरूर जगाते हैं। लेकिन इस कार्यक्रम में संघ का भी कोई चेहरा न था। शायद इसके पीछे गरीब की मदद की भावना थी। इसलिए कम्बल वितरण पूरी खमोशी से किया गया।

सैकड़ों लोगों को कम्बल बांटने की प्रकिया पूरी तरह गैर राजनीतिक अौर सहज थी। यही इंसानियत का चरम था।  कुंवर धनुर्धर सिंह ने  तकरीबन 500 लोगों को कंबल वितरित किया तथा कहा कि अन्य जरूरतमंदों को भी वे मदद करेंगें। उनकी सादगी और गरीबों के प्रति समर्पण का यह रुप देख मौके पर जुटे गरीब उन्हें दुआएं देते रहे। इनमें कुछ लोग सीमा पर नेपाल के भी गरीब शामिल थे। उनका राजमहल नेपाल सीमा के करीब है।

इस बारे में कुंवर जी से बात की गई तो उन्होंने संकोच वश कहा कि उनका काम गरीबों को इस कठिन दौर में मदद करने का था। कार्यक्रम राजनीति से हट कर था। याद रहे कि गत सीजन में फसलों की आगजनी के समय कुंवर जी और उनके पिता राजा योगोंन्द्र प्रताप सिंह ने  अपने इलाके में  सैकड़ों अग्निपीड़ितों को भरपूर मदद  किया था।

 

 

 

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